रविवार को भड़की थी हिंसा
रविवार की सुबह डीएम- एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करना पहुंची थी। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार लोग मस्जिद के बाहर जमा हो गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पत्थरबाजी होने के बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग शुरू कर दी। मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि कर दी है। उन्होंने बताया कि इस हिंसा में नोमान, बिलाल और नईम की मौत हुई है। दो अन्य की शिनाख्त कैफ और अयान के तौर पर की गई है।परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
मीडिया चैनल से बात करते हुए मृतक के पिता ने कहा कि मेरा तो बच्चा चला गया मैं क्या बात करूंगा। मुझे पैसे नहीं चाहिए। मेरे अल्लाह का दिया हुआ सब कुछ मेरे पास है। मुझे बदला चाहिए। जिसने मेरे बेटे को मारा है, मैं उसे गोली मार दूंगा। पुलिस ने ही उसे गोली मारी है। वहीं बिलाल के छोटे भाई का कहना है कि सीओ अनुज चौधरी ने मेरे भाई पर निशान लगाकर गोली चलाई। मृतक नईम अहमद की मां का भी रो-रोकर बुरा हाल है। बिलखते हुए उन्होंने बताया कि वह कुछ सामान लेने बाहर गया था। उसकी बुलेट भी यहीं घर के बाहर खड़ी है। पुलिसवालों ने गोली मार दी। वो तो मस्जिद से काफी दूर था। करीब 150-200 कदम दूर खड़ा था। नईम की मां का कहना है कि गोली मारने के बाद पुलिसवालों ने उसके बेटों की लाश सड़क के किनारे कर दिया। यह भी पढ़ें