राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम ने आयोजन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था समेत अन्य चीजों को परखनी शुरू कर दी है। श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पिछले दिनों दिल्ली में प्रधानमंत्री को समारोह का न्योता दिया था। पीएम ने निमंत्रण स्वीकारते हुए समारोह में शामिल होने के प्रति आश्वस्त किया था। इसके बाद से प्रशासनिक अफसर लगातार वहां की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। उधर, ऐंचोड़ा कंबोह में स्थित श्री कल्कि धाम के शिलान्यास को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुभकामनाएं दी हैं। इसके लिए श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राष्ट्रपति का आभार जताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम ने आयोजन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था समेत अन्य चीजों को परखनी शुरू कर दी है। श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पिछले दिनों दिल्ली में प्रधानमंत्री को समारोह का न्योता दिया था। पीएम ने निमंत्रण स्वीकारते हुए समारोह में शामिल होने के प्रति आश्वस्त किया था। इसके बाद से प्रशासनिक अफसर लगातार वहां की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। उधर, ऐंचोड़ा कंबोह में स्थित श्री कल्कि धाम के शिलान्यास को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुभकामनाएं दी हैं। इसके लिए श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राष्ट्रपति का आभार जताया है।
राष्ट्रपति ने अपने शुभकामना संदेश पत्र में कही ये बात
राष्ट्रपति ने अपने शुभकामना संदेश पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संभल की पावन भूमि पर 19 फरवरी को श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास किया जाना एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक अवसर होगा। उन्होंने शुभकामना संदेश में कहा कि महात्मा गांधी की दृढ़ मान्यता थी कि धर्म और सत्य पर आधारित राजनीति से ही जन-कल्याण संभव है। राम राज की अवधारणा को गांधी जी ने भारत के स्वराज का आदर्श माना था। यह प्रसन्नता की बात है कि देश-विदेश में भारत की आध्यात्मिक और नैतिक विरासत के प्रतीक स्वरूप महान देवालयों में प्राण-प्रतिष्ठा द्वारा देश की सामाजिक और राजनीतिक चेतना में नई ऊर्जा का संचार किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने अपने शुभकामना संदेश पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संभल की पावन भूमि पर 19 फरवरी को श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास किया जाना एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक अवसर होगा। उन्होंने शुभकामना संदेश में कहा कि महात्मा गांधी की दृढ़ मान्यता थी कि धर्म और सत्य पर आधारित राजनीति से ही जन-कल्याण संभव है। राम राज की अवधारणा को गांधी जी ने भारत के स्वराज का आदर्श माना था। यह प्रसन्नता की बात है कि देश-विदेश में भारत की आध्यात्मिक और नैतिक विरासत के प्रतीक स्वरूप महान देवालयों में प्राण-प्रतिष्ठा द्वारा देश की सामाजिक और राजनीतिक चेतना में नई ऊर्जा का संचार किया जा रहा है।
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