सपा सांसद ने कहा, “ठीक है वो जिसको मानते होंगे, हम तो अल्लाह को मानते हैं। मेरे ख्याल से मुस्लिम अल्लाह को मानते हैं और हिंदू ओम को। हम अल्लाह के हैं और वो ओम के हैं। दोनों अलग-अलग हैं। इस तरह के बयान से आपस में विवाद पैदा हो सकता है। मेरे ख्याल से जो उन्होंने बात कही है वो सही नहीं हैं।”
पहले ये बात बोले थे मौलान अरशद मदनी
इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने ओम और अल्लाह, मनु और पैगंबर आदम को एक बताते हुए रविवार को दावा किया था। उन्होंने कहा था, “बहुसंख्यक समाज के पूर्वज हिंदू नहीं थे बल्कि मनु थे जो एक ओम यानी अल्लाह की इबादत करने वाले थे।”
इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने ओम और अल्लाह, मनु और पैगंबर आदम को एक बताते हुए रविवार को दावा किया था। उन्होंने कहा था, “बहुसंख्यक समाज के पूर्वज हिंदू नहीं थे बल्कि मनु थे जो एक ओम यानी अल्लाह की इबादत करने वाले थे।”
इस्लाम भारत के लिए नया मजहब नहीं है- मदनी
मौलाना मदनी ने यह टिप्पणी RSS के प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था, “मुसलमान चाहें तो अपने धर्म पर रहें या अपने पूर्वजों की तरफ लौट आएं।” मौलाना अरशद मदनी ने जमीयत के महमूद मदनी समूह के 3 दिवसीय 34वें अधिवेशन के अंतिम दिन यहां रामलीला मैदान में दावा किया था।”
मौलाना मदनी ने यह टिप्पणी RSS के प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था, “मुसलमान चाहें तो अपने धर्म पर रहें या अपने पूर्वजों की तरफ लौट आएं।” मौलाना अरशद मदनी ने जमीयत के महमूद मदनी समूह के 3 दिवसीय 34वें अधिवेशन के अंतिम दिन यहां रामलीला मैदान में दावा किया था।”
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उन्होंने कहा था, “ इस्लाम भारत के लिए नया मजहब नहीं है और अल्लाह यानी ओम’ ने मनु यानी आदम को यहीं उतारा है। उन्होंने एक अल्लाह’ यानी एक ओम की इबादत करने को कहा है। इसके बाद के आए पैगंबरों ने भी यही संदेश दिया है। आज दुनिया जिस तरह भटकी हुई है। हम भी भटके हुए थे। हमने 365 देवी देवता बना रखे थे। सुबह उठकर हम भी उनकी इबादत करते थे। हम मनु के बताए हुए रास्ते से भटके हुए थे।”