पहले सायमा को बनाया था उम्मीदवार
मायावती ने पहले काजी इमरान मसूद की पत्नी सायमा को कैंडिडेट बनाया था। आरक्षण लिस्ट आई तो सहारनपुर मेयर सीट पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गई। काजी परिवार जनरल कैटगरी में आता है, ऐसे में सायमा चुनावी दौड़ से बाहर हो गईं।
खदीजा काजी नहीं जाट हैं
खदीजा के इस चुनाव में कैंडिडेट बनने की वजह ये है कि वो जाति से जाट हैं। जाट उत्तर प्रदेश में ओबीसी में आते हैं, ऐसे में बसपा ने उनका टिकट कर दिया है। वो सहारनपुर से अब बसपा की कैंडिडेट होंगी।
UP निकाय चुनाव: देश की पहली किन्नर मेयर आशा देवी, निर्दलीय लड़कर जीत लिया था योगी का गढ़ गोरखपुर
शादान से की थी लव-मैरिज
गंगोह के ही रहने वाले एक शख्स ने बताया है शादान मसूद ने खदीजा से लव मैरिज की है। खदीजा ओबीसी से आती हैं। उनका राजनीति में खास दखल नहीं रहा है लेकिन सीट पिछड़े वर्ग में गई तो इमरान ने उनका नाम आगे बढ़ा दिया।