शासनादेश जारी होने के बाद रविवार को एकाएक एपको कंपनी ने मुजफ्फरनगर सीमा पर बने टोल प्लाजा पर टोल वसूलना शुरू कर दिया। टोल आरंभ होते ही टोल पर अप्रशिक्षित कर्मियों के चलते दोनों ओर एक से डेढ़ किमी लंबी कतारें लग गई। भीषण गर्मी में बौखलाए वाहन चालकों ने टोल पर हंगामा करना आरंभ कर दिया। वाहन चालकों ने टोलकर्मियों को सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग से भी अवगत कराते हुए कहा कि जब टोल पर लंबा जाम लगता है तो टोल फ्री कर दिया जाता है। लेकिन एपको अधिकारियों ने उनकी नहीं सुनी। लोगों की राहत के लिए बनाया गया फोरलेन टोल प्लाजा आरंभ होते ही मुसिबतों का पाहड़ बनकर खड़ा हो गया।
भीषण गर्मी में आग उगलती धूप में रेंग-रेंग कर चल रहे वाहन चालकों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया। देखते ही देखते हंगामा शुरू हो गया। जिसके चलते मुजफ्फरनगर से पहुंची पुलिस को स्थिति को भी संभालना पड़ा। टोल आरंभ होने के बाद अपनी कार से मुजफ्फरनगर जा रहे अर्पन बिंदल, पूर्व सभासद इसरार गौरी, सिकंदर अली, शैंकी बिंदल और ऋषभ जैन, समीर उस्मानी एवं फराज उस्मानी ने बताया कि वह जाम के चलते पिछले 40 मिनट से रेंग-रेंग कर टोल के निकट पहुंचे, जबकि मुजफ्फरनगर का रास्ता देवबंद से मात्र 40 मिनट का ही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग का हवाला देते हुए बताया कि जब जाम एक किमी की स्थिति में पहुंच जाता है तो टोल को फ्री कर दिया जाता है। और पहले जाम को खत्म किया जाता है। उनका आरोप है कि टोल कर्मी किसी की सुनने के बजाए अभद्रता कर रहे हैं। किसी अधिकारी से भी बात नहीं करा रहे हैं।