सहारनपुर

Health Is Wealth: कड़ाके की ठंड से रखें अपना ख्याल, हाई ब्लड प्रेशर से बढ़ रहा हार्ट अटैक और ब्रेन हेम्रेज का खतरा

सर्दियों में मानव शरीर में केटीकाेलामीन नामक पदार्थ बढ़ने लगता है जिससे रक्तचाप तेज हाे जाता है यानी High Blood Pressure हाे जाता है। अगर ध्यान ना दिया जाए ताे इसके परिणाम हार्ट अटैक या फिर ब्रेन हेम्रेज पैरालाईसिस के रूप में सामने आ सकते हैं। आईए जानते हैं हाईब्लडप्रेशर की जटिलताओं से बचने के उपाय।

सहारनपुरJan 20, 2020 / 03:30 pm

shivmani tyagi

heart attack

सहारनपुर। कड़ाके की ठंड में high blood preshar ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा भी बढ़ गया है। यह हिदायत यूं ही नहीं दी जा रही दरअसल, सर्दी बढ़ते ही अस्पताल hospital में आने वाले रोगियों में ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल में हार्ट heart attacks और हाई ब्लड प्रेशर high blood pressure के रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
इसका मुख्य कारण यह है कि ठंड में शरीर में केटीकोलामीन नाम के पदार्थ का रिसाव बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और ब्लड प्रेशर बढ़ने से ब्रेन हेम्ब्रेज brain hemorrhage और हार्ट अटैक heart attack की आशंका है बढ़ जाती है। यहां यह भी जान लेना जरूरी है कि यह पदार्थ सुबह 4 बजे से सुबह 10 बजे के समय शरीर में सबसे अधिक रहता है इसलिए इस समय अवधि में खतरा और भी बढ़ जाता है।
Heart Specialist हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर संजीव मिगलानी के अनुसार जिन रोगियों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें सर्दियों ( winter ) में अपने ब्लड प्रेशर का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। समय-समय पर दवाइयां ( High blood pressure Treatment ) जरूर लेते रहना चाहिए । यदि ब्लड प्रेशर की समस्या काे हल्के में लिया जाता है ताे इसके परिणाम घातक रूप में सामने आ सकते हैं।
ब्लड प्रेशर बढ़ने पर मरीज काे हार्ट अटैक और पैरालाईसिस हाेने की आशंकाएं बनी रहती हैं। डॉक्टर संजीव मिगलानी के अनुसार जिन लाेगाें काे अपनी ब्लड प्रेशर की बीमारी के बारे में पता है वह ताे दवाईयां लेते रहते हैं लेकिन काफी ऐसे लाेग हैं जिन्हे इस बीमारी की जानकारी ही नहीं है। ऐसे में यह खतरा साईलेंट किलर भी बन सकता है।
एक सर्वे के अनुसार, खतरे वाली बात यह भी है कि भारत में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति उतने सजग नहीं हैं जितना हाेना चाहिए। इस सर्वे में यह खुलासा हो चुका है कि भारत में केवल 70% मरीजों को ही उक्त रक्तचाप के बारे में पता है। इनमें से भी महज 59% मरीज ही अपना इलाज करवा पाते हैं। इससे भी हैरान कर देने वाली बात यह है कि 59 प्रतिशत में महज 34% मरीज ही ऐसे हैं जो अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर पाते हैं। यानि 64% मरीज अपना ब्लड प्रेशर नियंत्रण ही नहीं कर पाते क्याेकि उनमें से अधिकांश में काेई लक्षण सामने ही नहीं आते।
कितना होना चाहिए ब्लड प्रेशर
अक्सर इस बात को लेकर भी संशय बना रहता है कि ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए डॉक्टर संजीव मिगलानी बताते हैं कि अगर ACC अमेरिकन कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी के अऩुसार अगर ऊपर वाला ब्लड प्रेशर 120 से कम और नीचे वाला 80 से कम है ताे यह सामान्य ब्लड प्रेशर है। अगर आपका ऊपरवाला रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर 120 से रहता है और नीचे वाला ब्लड प्रेशर 80 से कम रहता है तो आप सामान्य स्टेज पर हैं और आपको ब्लड प्रेशर की कोई समस्या नहीं है।
General stage सामान्य स्टेज

जिन राेगियों का ऊपर का रक्तचाप 120 से 139 बीच रहता है और नीचे का रक्तचाप 85 से 89 के बीच रहता है तो ऐसे रोगी General stag के रोगी कहलाते हैं। ऐसे राेगियाें काे परहेज करना चाहिए और खाने पीने में हरी सब्जी लेनी चाहिए।
stage 1
जिन लोगों का ऊपर का रक्तचाप High Blood Pressure Level 140 से 159 के बीच रहता है और नीचे का रक्तचाप 90 से 99 के बीच रहता है तो ऐसे रोगी stage-1 के रोगी कहलाते हैं। यह सामान्य स्थिति नहीं है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

stage 2
ऐसे रोगी जिनका ऊपर का रक्तचाप यानी 160 से ज्यादा रहता है और नीचे का ब्लड प्रेशर 100 से ज्यादा रहता है तो ऐसे रोगी 2nd stage के रोगी होते हैं और इन्हें तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
हाईपरटेंशन ( हाई ब्लडप्रेशर एमरजेंसी) जिन राेगियाें का ऊपर का ब्लड प्रेशर 180 और नीचे का 110 से अधिक हाे ऐसे राेगियों काे तुरंत उपचार की आवश्यकता हाेती है। इन्हे तुरंत अस्पताल की एमरजेंसी लेना जाना चाहिए।
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इन्हें होती है हाई बीपी की समस्या

जो लोग धूम्रपान करते हैं, अधिक नमक खाते हैं, शराब का सेवन करते हैं, गुस्सा या फिर अधिक चिंता करते हैं। डायबिटीज हैं और जो लोग मोटे होते हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अनुवांशिक भी हो सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण के बारे में जानने से पहले यह जान लेना भी जरूरी है कि 50% मरीज ऐसे भी होते हैं जिनमें किसी भी तरह के कोई लक्षण नहीं होते लेकिन वह हाई ब्लड प्रेशर के मरीज होते हैं। सामान्य रूप से सिर में दर्द होना, दिल का घबराना, उल्टी आना और छाती में दर्द होना यह सभी हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण होते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर से होने वाले नुकसान

उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर से सबसे अधिक समस्या हार्टअटैक या फिर ब्रेन हेमरेज की होती है। हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक आ सकता है हार्ट फेल हो सकता है हार्ड फैल सकता है उसका आकार बड़ा हो सकता है या फिर अचानक धड़कने भी रुक सकती हैं जिससे आदमी की मृत्यु हो सकती है।
इसी तरह से ब्रेन हेम्रेज है और हाई ब्लड प्रेशर होने पर दिमाग की नसें बंद हो सकती हैं, फैल सकती हैं या फिर वह फट भी सकती हैं। इससे अधरंग यानी पैरालाइसिस हो जाता है और व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
दिमाग और दिल के अलावा हाई ब्लड प्रेशर का असर गुर्दों पर आंखों पर और टांगों पर भी हो सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर से बचने के उपाय

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