स्मृति ईरानी यहां जानजागरण कार्यक्रम के लिए आई थी। गांधी पार्क के पास स्थित जनमंच सभागार में कार्यक्रम काे संबाेधित करते हुए उन्हाेंने कहा कि पिछले 70 साल से देश में धारा 370 काे लेकर किसी ने आवाज नहीं उठाई। कांग्रेस पार्टी काे निर्लज्ज पार्टी बताते हुए वह बाेली कि, जब लाेकसभा में इस मामले काे उठाया गया ताे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने यह सवाल उठाया कि, क्या संसद के पास कश्मीर पर इस प्रकार का प्रस्ताव लाने का अधिकार है ? इस सवाल पर अमित शाह ने जवाब दिया और कहा संसद पूरे देश की है और संसद काे यह पूरा अधिकार है कि वह कभी भी कहीं भी देश के किसी भी मुद्दे पर चर्चा करें और प्रस्ताव पास करे।
इस तरह केंद्रीय मंत्री ने लाेगाें काे धारा 370 के मुद्दे पर जाेड़ते हुए कांग्रेस काे घेरना शुरू किया और कहा कि, धारा 370 पर बात हुई ताे कांग्रेस के नेता ने कहा कि यह विषय ताे हमने यूएन भेजा था। पहली बार काेई निर्लज्ज पार्टी यह कहती हुई सनी गई कि ”हमने भेजा था”। यह प्रसंग उठाते हुए स्मृति ईरानी विषय काे 70 साल पीछे ले गई और कहा कि, उस समय नेहरू जी ने सरदार पटेल काे बिना बताए और देश की जनता काे विश्वास में लिए बगैर इस मामले काे यूएन भेज दिया। बाेली कि, भला अपने घर के मसले काे, अपने घर की गरिमा काे काेई ऐसे बाहर भेज सकता है क्या ? कहा कि यह पाप उन्हाेंने किया जिसका दंश धारा 370 के रूप में 70 साल तक उन लाेगाें ने झेला जाे पश्चिमी पाकिस्तान से हिन्दुस्तान आए और जीवन भर शरणार्थी बनकर रह गए।
राहुल गांधी काे ऐसे घेरा स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि, जब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर धारा 370 के खिलाफ पाकिस्तान ने आवाज उठाई ताे पाकिस्तान के दस्तावेजाें में सबसे ऊपर राहुल गांधी का नाम था। पाकिस्तान कह रहा था देखाें-देखाें हमकाे बचाओं राहुल गांधी हमारे साथ है। इसत तरह स्मृति ईरानी ने धारा 370 काे बड़ी कामयाबी बताते हुए इस मुद्दे काे कांग्रेस काे घेरा और धारा 370 हटने की कार्रवाई काे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी का बड़ा कदम बताया और कहा कि यह साहसिक कदम भाजपा इसलिए उठा पाई है कि क्याेंकि देश की जनता ने भाजपा काे मजबूत नेतृत्व देने का काम किया है।