देवबंद. शिया धर्मगुरु और ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मुसलमानों को फिरकों से ऊपर उठकर एक प्लेटफॉर्म पर आकर इस काले कानून का पुरजोर विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस साजिश और अपने पुराने एजेंडे के तहत सीएए और एनआरसी जैसे कानूनों को लेकर आ रही है। मुसलमानों को चाहिए कि समस्त देशवासियों के साथ मिलकर पूरी ताकत से शांतिपूर्वक ढंग से इस काले कानून का विरोध करें।
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मौलाना यासूब अब्बास ग्राम थिथकी में ईसा रजा के आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे । उन्होंने कहा कि मुसलमान बिल्कुल हिंसा न करें, क्योंकि इससे यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती। उन्होंने कहा कि इस कानून के खिलाफ सभी को एक प्लेटफार्म पर आकर शांतिपूर्वक लड़ना चाहिए और तब तक लड़ाई लड़नी चाहिए, जब तक यह कानून वापस न हो जाए। मौलाना ने कहा कि कुछ मुस्लिम समाज के लोग भी इसके प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। ऐसे लोगों को समझाया जाना चाहिए और उन्हें बताया जाना चाहिए, यह कानून उनको भी नुकसान पहुंचाएगा।
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मौलाना ने तेलंगना के एक भाजपा सांसद की ओर से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के दाढ़ी पर दिए गए विवादित बयान को लेकर कहा कि ऐसे मामलों पर सरकार चुप्पी साधे है कि दाढ़ी केवल मुस्लिम समुदाय के लोग ही नहीं अन्य धर्मों के लोग भी रखते हैं। दाढ़ी को टारगेट करना धार्मिक आजादी के खिलाफ है। बहुत दुख की बात है और हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के जिस सांसद ने यह बयान दिया है, उनकी संसद सदस्यता खत्म की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।