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हम बात कर रहे हैं सहारनपुर-देहरादून हाईवे किनारे बसे गांव गणेशपुर के लाेगाें की। इस गांव के लाेगाें से देशभर की जनता काे सीख लेनी चाहिए। केरल में गर्भवती हथनी की निर्दय तरीके से की गई हत्या की घटना से हर काेई दुखी है। जानवरों के प्रति इंसानों के इस रवैये पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस घटना काे लेकर लाेग अपना गुस्सा साेशल मीडिया पर उतार रहे हैं और इस घटना काे अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं। यह भी पढ़ें
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केरल की घटना काे लेकर भले ही लाेगाें में गुस्सा हाे लेकिन सहारनपुर में दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित गणेशपुर गांव काे मानवता का संदेश देने वाले गांव के रूप में देखा जाता है। पिछले वर्ष जुलाई माह में मोहंड रेंज से भटकते हुए एक हथनी गणेशपुर गांव के निकट कई फीट गहरे गड्ढे गिर गई थी। उस दाैरान इसी गांव के लाेगाें ने अपनी जान पर खेलकर हथनी की जान बचाई थी। गांव वालाें ने पहले खुद प्रयास किए लेकिन जब वह सफल नहीं हाे सके ताे उन्हाेंने वन विभाग टीम काे बुलवाया। इस तरह वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के सहयाेग से हथनी काे बाहर निकालकर उसकी जान बचा ली थी। यहां अक्सर आबादी क्षेत्र में आ जाते हैं जंगली जानवर गणेशपुर गांव शिवालिक की मोहंड रेंज से सटा हाेने के कारण अक्सर यहां जंगली जानवर आ जाते हैं। जानवर इनकी फसलाें काे भी काफी नुकसान पहुंचा देते हैं लेकिन गणेशपुर के लाेगाें का जानवरो के प्रति स्नेह किसी नजीर से कम नहीं है। वह जानवराें के खाने-पीने का इंतजाम ताे करते हीं है अक्सर उनकी मरहम पट्टी भी करते हैं।