आईकार्ड बैंगलुरू का और पुलिस कैप यूपी की आपकाे यह जानकर हैरानी हाेगी कि यह शातिर पुलिस के हत्थे कैसे चढ़ा। दरअसल जनकपुरी चाैक पर सिटी में ही पुलिस वाहनाें की चेकिंग कर रही थी। इसी दाैरान पुलिस ने देहरादून राेड की ओर से आ रही एक हाेंडा सिटी कार के चालक काे रुकने का इशारा किया। इस पर कार सवार युवक ने स्टाफ बाेलते हुए खुद काे आबकारी विभाग का इंस्पेक्टर बताया और अपना आई कार्ड पुलिस काे दिखाया। इस आईकार्ड पर Alok Yadav लिखा हुआ था। यह कार्ड excise inspector के पद का था लेकन बैंगलुरू का था।
पुलिस काे लगा कि स्टाफ ही हाेगा लेकिन इसी दाैरान चेकिंग कर रही टीम की नजर कार Honda City के डेशबाेर्ड पर रखी पी कैप पर पड़ गई। इस कैप पर यूपी पुलिस लिखा था। इसी काे लेकर पुलिस काे शक हाे गया जब पूछताछ की गई ताे पता चला कि जाे खुद काे आबकारी इंस्पेक्टर बता रहा था वह खुद 9 मुकदमाें में आराेपी है और पुलिस से बचने के लिए फर्जी इंस्पेक्टर बनकर घूम रहा है।
जामा तलाशी में जाे मिला उसे जान आप भी रह जाएंगे हैरान खुद काे excise inspector बताने वाले इस युवक की तलाशी ली गई ताे इसके पास से तीन-तीन पहचान पत्र मिले। एक देशी तमंचा और कुछ अन्य कागजात भी मिले जाे फर्जी तरीके से बनवाए गए थे। इसके पास से आलाेक कुमार, अमित शर्मा और सुमित्रा देवी के नाम के आधार कार्ड मिले हैं। पुलिस की अभी तक की जांच पड़ताल में यह बात सामने आ चुकी है यह शातिर दर्जनभर लाेगाें से ठगी कर चुका है। पकड़ा गया शातिर बागपत जिले का रहने वाला बताया जा रहा है पुलिस अब इससे पूछताछ कर रही है।