ऑस्ट्रेलिया से दूसरा ऑर्डर सहारनपुर जनपद का शहद अब दुनियाभर में निर्यात किया जाएगा। इसका 400 कुंतल का पहला ऑर्डर अमेरिका से मिल चुका है। 200 कुंतल का दूसरा ऑर्डर ऑस्ट्रेलिया से अंतिम प्रक्रिया में है। जबकि दस टन बी वैक्स, 30 क्विंटल वैक्स शीट और मौन पालन के 500 डिब्बे हॉल ही में ऑस्ट्रेलिया भेजे है।
यह भी पढ़ें – Bank Holidays in July 2022 : यूपी में जुलाई में कुल कितने दिन बंद रहेंगे बैंक जानें, फौरन निपटा लें अपने काम कई तरह के शहद का होता है उत्पादन सहारनपुर में फरवरी से अप्रैल महीने में सरसों, यूकेलिप्टस, लीची, आम आदि से मधुमक्खी शहद प्राप्त करती हैं। मई-जून में मधुमक्खियों का स्थानांतरण मथुरा, अलीगढ़ से लेकर राजस्थान, हरियाणा एवं उत्तराखंड आदि राज्यों में किया जाता है। जहां पर मधुमक्खियां लाही, सूरजमुखी, नीम, सहजन आदि से शहद प्राप्त करती हैं। उद्यान विभाग के एक अनुमान के अनुसार, जिले में आठ हजार से दस हजार कुंतल शहद का प्रतिवर्ष उत्पादन होता है।
यह भी पढ़ें – Driving Licence : लर्निंग डीएल को परमानेंट कराने वालों के लिए नए नियम लागू, जानें नई गाइडलाइन शहद के बढ़िया भाव मिलने की उम्मीद जनपद में शहद की उत्पादकता को देखते हुए वर्ष 1990 से मधुमक्खी पालन कर रहे गंगोह के अजय सैनी ने उच्च गुणवत्ता की शहद प्रसंस्करण इकाई स्थापित की है। गंगोह-नानौता रोड पर स्थित इस इकाई की प्रतिदिन की क्षमता 30 टन शहद के प्रसंस्करण की है। शहद का निर्यात होने से जनपद के मौनपालकों को उनके शहद के बढ़िया भाव मिलने की उम्मीद है।
शहद का उत्पादन दस हजार कुंतल प्रतिवर्ष जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार ने कहाकि, सहारनपुर में बड़े स्तर पर मधुमक्खी पालन होता है। यहां पर करीब पांच हजार मौनपालक मधुमक्खी पालन का कारोबार करते हैं। जनपद में शहद का उत्पादन करीब आठ से दस हजार कुंतल प्रतिवर्ष का है। मधुमक्खी पालन से जनपद में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।