सहारनपुर के गांव मुगल माजरा के रहने वाले इरशाद का यह बकरा लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ। दूरदराज से लोग इस दूध देने वाले बकरे को देखने के लिए आ रहे हैं। कई बार लोगों ने इसकी कीमत भी लगाई लेकिन इरशाद ने इसको बेचने से मना कर दिया। इस बकरे की रखवाली के लिए रातभर यह परिवार जागता है। जैसे-जैसे बकरे की प्रसिद्धि बढ़ रही है, परिवार को इसकी सुरक्षा की चिंता भी सता रही है।
इरशाद के पिता मोहर्रम भी बकरी पालने का ही काम करते थे। अब पिता के इस कारोबार को इरशाद आगे बढ़ा रहे हैं। गांव में सब इरशाद को ‘बाबा’ बकरे वाला कहते हैं। दूध देने वाले इस बकरे का नाम ‘कालू’ है। इरशाद की पहचान अब गांव और आसपास के क्षेत्र में कालू बकरे वाले के नाम से होने लगी है। पूछने पर इरशाद ने बताया कि इस बकरे को वह नहीं बेचेंगे लेकिन उनके मुताबिक इस बकरे की कीमत एक करोड़ रुपये है। यह अलग बात है कि इस कीमत की कोई पुष्टि नहीं है, सिर्फ इरशाद कहते हैं कि उनके बकरे की कीमत एक करोड़ रुपये है।
परिवार के पास कुल 60 बकरें-बकरी
महज डेढ़ साल की उम्र में कालू बकरे के 13 बच्चे हैं। इनमें बकरे और बकरी या दोनों ही शामिल हैं। इरशाद के घर में बकरे- बकरी आजाद घूमते रहते हैं। इरशाद ने बताया कि उनके पास कुल 50 बकरी और 10 बकरे हैं। इनमें 13 बकरी और बकरे अकेले दूध देने वाले कालू बकरे के बच्चे हैं। इरशाद के चार बेटे हैं और चार बेटियां हैं। इनके पूरे परिवार का पालन पोषण बकरियों का दूध बेचकर होता है। अब कालू बकरे की वजह से यह परिवार विख्यात हो रहा है।