सहारनपुर। 20 अप्रैल 2017 यानि एक साल पहले आज ही के दिन सहारनपुर में हिंसा की चिंगारी उठी थी। यह चिंगारी इतनी भयंकर किथी इसके बाद पूरा सहारनपुर जातीय हिंसा की आग में जल उठा था। इस आग ने संवेदनशीलता के पैमाने पर सहारनपुर को उत्तर प्रदेश में नंबर एक पर पहुंचा दिया था। सड़क दूधली प्रकरण में पुलिस ने कई मुकदमे दर्ज किए थे और ताबड़तोड़ दबिशें दी गई थी। 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन इसके बाद पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस मामले में अभी भी 20 आरोपियों की गिरफ्तारी होनी बाकी है और आरोप है कि इनमें कई भाजपाई भी शामिल हैं।
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जानिए क्या हुआ था एक साल पहले एक साल पहले आज ही के दिन सहारनपुर के जनकपुरी थाना क्षेत्र में देहरादून रोड़ पर सड़क दूधली गांव में डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की शोभा यात्रा निकाली जा रही थी। प्रशासन ने इस शोभा यात्रा की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन सांसद राघव लखनपाल शर्मा और अन्य भाजपाई मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस की मौजूदगी में सांसद ने यहां शोभा यात्रा निकालनी शुरू की और इसी दौरान दूसरे संप्रदाय के लोगों ने शोभा यात्रा का विरोध किया और पथराव कर दिया। इस दौरान दोनों ओर से जमकर पथराव हुआ और पुलिस को पीछे हटना पड़ गया। इसके बाद सांसद के साथ आई भीड़ भड़क गई और भीड़ ने सहारनपुर एसएसपी के आवास का घेराव कर लिया। सांसद यहां धरना देकर बैठ गए और यहां जमकर हंगामा हुआ। यह भी पढ़ें
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, मना करने पर…’ भीड़ ने तत्कालीन एसएसपी लव कुमार के आवास पर तोड़फोड़ तक कर दी। जेल चुंगी पर वाहनों में आग लगा दी गई और देखते ही देखते यह मामला तूल पकड़ गया और चिंगारी की तपिश लखनऊ से दिल्ली तक जा पहुंची। एक पक्ष द्वारा शोभा यात्रा पर पथराव करने और दूसरे पक्ष द्वारा एसएसपी के आवास में घुसकर तोड़फोड़ करने के दो मुख्य मामलों समेत पुलिस ने सड़क दूधली कांड में कुल 6 मुकदमे दर्ज किए। इन मुकदमों में करीब 24 आरोपियों को नामजद किया बाद में जांच के दौरान 14 और नाम सामने आए। इस तरह पुलिस ने कुल 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया पहली कार्रवाई में पुलिस ने इस मामले में दोनों ओर से 9-9 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इस प्रकरण में 27 अप्रैल 2017 को अंतिम गिरफ्तारी हुई थी और तत्कालीन एसएसपी लव कुमार का ट्रांसफर हो जाने के बाद यह मामला धीरे-धीरे ठंडा पड़ गया। यह भी पढ़ें
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इन्हें भी बनाया गया था आरोपी सहारनपुर के सड़क दूधली कांड में सहारनपुर लोकसभा सीट से सांसद राघव लखनपाल शर्मा समेत देवबंद के विधायक बृजेश सिंह रामपुर मनिहारान से विधायक देवेंद्र निम, गंगोह से विधायक प्रदीप चौधरी और भाजपा जिला अध्यक्ष विजेंद्र कश्यप के अलावा महानगर अध्यक्ष अमित गगनेजा और सांसद के छोटे भाई राहुल लखनपाल को भी आरोपी बनाया गया था। सहारनपुर के सड़क दूधली की यह घटना बेहद चर्चित हुई थी और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की सियासत गरमा गई थी। इसका कारण यह था कि इस घटना ने भाजपाइयों को विपक्षी दलों के निशाने पर लाकर खड़ा कर दिया था और भाजपा सांसद समेत भाजपा के पदाधिकारियों और विधायकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए थे। यह भी पढ़ें
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आंकड़ों की नजर से देखें सड़क दूधली कांड आंकड़ों की नजर से देखा जाए तो सड़क दूधली कांड में कुल 6 मुकदमे दर्ज हुए थे। इन मुकदमों में कुल 24 लोगों को आरोपी बनाया गया था। 14 नाम बाद में प्रकाश में आए थे। अब तक पुलिस ने इन मामलों में कुल 18 गिरफ्तारी की है। 27 अप्रैल 2017 को अंतिम गिरफ्तारी की गई थी। 11 आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे जिनमें भाजपा नेता भी शामिल हैं। यह भी पढ़ेंं : एडीजी के सामने हुआ स्कूल छात्र का अपहरण, फिर क्यों बजीं यूपी पुलिस के लिए तालियां अभी तक चल रही है जांच सड़क दूधली प्रकरण को लेकर पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि अभी जांच चल रही है। कुछ मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है बाकी मामलों में भी जल्द जांच पूरी कर ली जाएगी।