सड़क पर दूर तक बिखर गए शवों और कार के चीथड़े
प्राथमिक जांच पड़ताल में पता चला कि कार की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक थी। ये सामने से क्रॉस हो रहे डंपर के पिछले हिस्से टकराई। कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और फिल्मी अंदाज में छत के साथ-साथ कार का आधा हिस्सा भी उखड़ गया। बाकी बचा ढाचा डिवाइडर तोड़कर सड़क के दूसरी और एक पेड़ से टकराकर थमा। इस कार में सवार एक लड़की की गर्दन धड़ से अलग हो गई तो अन्य के शवों के चीथड़े उड़ गए। करीब आधा किलोमीटर तक कार के अवशेष पड़े मिले। दुर्घटना के कुछ ही देर बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई और किसी तरह इनके शव कार के अंदर से निकाले गए। एक सातवें छात्र की सांसे चल रही थी उसे अस्पताल भर्ती कराया गया है लेकिन उसकी हालत भी नाजुक बनी हुई है।मरने वाले सभी छात्र-छात्राएं 20 से 25 की उम्र के बीच
इस दुर्घटना में मरने वाले छह के छह छात्र-छत्राओं की उम्र 20 से 25 के बीच बताई जा रही है। इनमें से सहारनपुर के बड़े पटाखा व्यापारी का छोटा बेटा था। ग्राफिक एरा का एक छात्र हिमाचल प्रदेश के चंबा का रहने वाला था जो अपने मामा के घर पर रहकर पढ़ाई कर रहा था। बताया जाता है कि सभी बच्चे पढ़ने में भी टॉपर थे। रात को ये सब मिलकर एक पार्टी में गए थे। काफी देर हो गई थी और इन्हे घर जल्दी पहुंचना था। इसलिए कार की रफ्तार काफी तेज थी। इसी रफ्तार ने छह जिंदगियां लील ली। इनके परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। इस दुर्घटना को लेकर लोग सोशल मीडिया पर दुख जताने के साथ-साथ पूछ रहे हैं कि इस तर की दुर्घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार हैं? वाहनों को तेज रफ्तार दौड़ाने वाली आज की नई पीढ़ी या फिर अभिभावक ? यह भी पढ़ें