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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के हसनपुर की रहने वाली अनामिका शुक्ला प्रयागराज, अंबेडकर नगर और बागपत समेत उत्तर प्रदेश के अंतिम जिले सहारनपुर में भी तैनात रही। अभी तक की जांच पड़ताल में यह बात सामने आ चुकी है कि पिछले एक साल में अनामिका ने एक करोड़ से अधिक वेतन सरकारी खजाने से लिया है। अब मामला खुलने पर अनामिका के तार सहारनपुर से भी जुड़ गए हैं। यह भी पढ़ें
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इससे भी अधिक हैरान कर देने वाली बात यह है कि वह सहारनपुर के मुजफ्फराबाद में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पूर्णकालिक शिक्षिका के पद पर तैनात थी। इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग ने अनामिका को तलब किया और अपने मूल प्रमाण पत्रों के साथ सहारनपुर आने के लिए कहा लेकिन वह सहारनपुर नहीं आई और उन्हाेंने वाट्सएप पर अपना स्तीफा भेज दिया। यह भी पढ़ें
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अनामिका ने पांच जून को विद्यालय वार्डन के व्हाट्सएप पर त्याग पत्र भेजा है। अब तक की पड़ताल में यह बात भी सामने आ चुकी है कि अनामिका शुक्ला सहारनपुर में अगस्त 2019 से लेकर जनवरी 2020 तक करीब एक लाख 70 हजार रुपये का मानदेय ले चुकी हैं। अब शिक्षा विभाग ने अनामिका के खिलाफ जनकपुरी थाने में कूट रचित अभिलेखों के आधार पर फर्जी तरीके से नौकरी पाए जाने का मुकदमा दर्ज कराया है।
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