सहारनपुर

जानिये, कोरोना वायरस पर क्या पड़ेगा बेमौसम बारिश का असर

Highlights – 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण कोरोना वायरस के फैलने की आशंका
– छींकने या खांसने से हवा में आ जाते हैं ड्रॉपलेट – मुख्य चिकित्सा अधिकारी बोले
– विशेष साफ-सफाई रखने की जरूरत, पैनिक होने की आवश्यकता नहीं

सहारनपुरMar 06, 2020 / 11:38 am

lokesh verma

सहारनपुर. पश्चिमी उत्तर प्रदेश (West Uttar Pradesh) में पिछले 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही बारिश (Rain) के कारण कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलने की आशंका भी जताई जा रही है। बता दें कि गाजियाबाद (Ghaziabad) समेत देश के कई क्षेत्रों में कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या 30 पहुंच चुकी है। मौसम व तापमान से कोरोना वायरस का क्या संबंध है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। हालांकि चिकित्सकों का यह मानना है कि बारिश के चलते तापमान गिरने से नजला-जुकाम (Cold) के मरीज बढ़ जाएंगे। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस ड्रॉपलेट से बढ़ने वाली बीमारी है। छींकने या खांसने से ड्रॉपलेट हवा में आ जाते हैं। पारा गिरने से हवा में नमी आ जाती है। इस स्थिति में कोरोना वायरस के ड्रॉपलेट भी हवा में अधिक समय तक रह सकते हैं।
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बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए सभी राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सरकार के आदेश के बाद सभी जिलों के स्वास्थ्य विभागों को अलर्ट करते हुए आइसोलेशन वार्ड बना दिए गए हैं। वहीं गाजियाबाद जिले में भी एक कोरोना वायरस पीड़ित मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। गाजियाबाद स्थित आला हजरत हज हाउस में 500 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है। इसी बीच पिछले 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण कोरोना वायरस का खतरा बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है।
अक्सर देखा जाता है कि बारिश के बाद ठंड बढ़ने से सर्दी-जुकाम के मरीजों में बढ़ोतरी हो जाती है और इंफेक्शन बढ़ने के साथ ही बुखार भी हो जाता है। ऐसे में ठंड में कोरोना वायरस के बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश के बाद तापमान गिरने से ठंड बढ़ती है। इसलिए कोरोना वायरस के तेजी से फैलने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि अभी तक कोरोना वायरस और ठंड में क्या संबंध है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस ड्रॉपलेट से फैलने वाली बीमारी है। दरअसल, छींकने या खांसने से ड्रॉपलेट हवा में आ जाते हैं और ठंड में ड्रॉपलेट हवा में अधिक समय तक रह सकते हैं।
सहारनपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएस सोढ़ी का कहना है कि मौसम में ठंडक आने से नजला-जुकाम पीड़ितों की संख्या बढ़ जाती है। इसलिए इस दौरान विशेष साफ-सफाई रखने की जरूरत है और पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। सार्वजनिक स्थलों पर न जाएं तो बेहतर है, अगर जाना जरूरी हो तो सावधानी रखें। उन्होंने बताया कि सहारनपुर में कोरोना का कोई भी पॉजीटिव केस नहीं है, जो लोग नेपाल से आए थे, उनकी रिपोर्ट भी ठीक आई है।
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