बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर। पक्षी को छाया नहीं फल लागे अति दूर।। महान कवि कबीर दास की ये पक्तियां हमें यही शिक्षा देती हैं कि काेई भी व्यक्ति पद से नहीं बल्कि अपनी साेच और कार्यों से बड़ा कहलाता है। पत्रिका के विशेष कार्यक्रम पर्सन ऑफ द वीक में आज हम आपकी मुलाकात एक ऐसे ही व्यक्तित्व से कराने जा रहे हैं जिन्होंने बड़प्पन की ऐसी मिसाल पेश की है जिसे जानने के बाद आप भी कहेंगे कि यही असली बड़प्पन है।
हम बात कर रहे हैं 2009 बैच के IPS officer सहारनपुर एसएसपी (Saharanpur SSP) दिनेश कुमार की। सहारनपुर एसएसपी का एक फोटो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस फोटो में कुछ पुलिसकर्मी एक रिक्शा वाले की मदद करते हुए दिखाई देते हैं, जो भारी-भरकम रिक्शे काे लेकर पुल पर चढ़ने की कोशिश कर रहा है।
यह फोटो उस वक़्त लिया गया जब सहारनपुर एसएसपी अपने ऑफिस से घर लाैट रहे थे। उन्हाेंने देखा कि एक बुजुर्ग लोहे के सामान से लदी रिक्शा को पुल पर चढ़ाने की काेशिश कर रहा है। एसएसपी ने जब एक बुजुर्ग को कंक्रीट की सड़क पर अपने उखड़ते पैरों के साथ रिक्शा खींचने की जुगत करते हुए देखा तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने तुरंत रिक्शा वाले की मदद के लिए अपने सुरक्षाकर्मियों को भेजा।
Person of the week: देखा बेजुबां जानवरों का दर्द तो छोड़ दी IAS की तैयारी, मिलिए Social Worker सुरभि से इस छोटी सी घटना में एक बड़ा संदेश छिपा हुआ है। यह फोटो दर्शाता है कि आप भले ही कितने बड़े पद पर हों लेकिन बड़प्पन आपके व्यवहार और सहयोग की भावना से ही आता है। उसी वक्त किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल फोन से यह दृश्य कैप्चर कर लिया और यह फाेटाे सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
Person of the week: मिलिए SP विद्या सागर से जिन्हाेंने बाढ़ में फंसे श्रद्धालुओं काे बचाने के लिए नहीं की अपनी परवाह जब हमने सहारनपुर एसएसपी से सवाल किया कि एसएसपी होते हुए उनका एक छोटी सी घटना पर इतना गंभीर हो जाना और अपनी गाड़ी रोककर सुरक्षा कर्मियों को भेजकर उस रिक्शा वाले की मदद कराने का विचार कहां से आया ? तो जवाब भी इस घटना जैसा ही मिला।
दिनेश कुमार ने कहा कि ‘ मैं एसएसपी तो बाद में हूँ पहले तो इंसान हूँ। बोले कि एसएसपी तो मैं अभी बना हूं उससे पहले तो मैं एक इंसान हूं और इंसान ही इंसान के काम आता है। जब मैंने उस रिक्शा वाले को देखा कि वह पुल पर चढ़ नहीं चढ़ पा रहा था और उसकी रिक्शा लोहे के सामान से लदी हुई थी तो उसकी मदद करना उस समय प्राथमिकता थी। इसलिए उस रिक्शा वाले की मदद कराई।
जानिए कौन हैं एसएसपी दिनेश कुमार
सहारनपुर एसएसपी दिनेश कुमार 2009 के आईपीएस हैं। दिनेश कुमार मूल रूप से तमिलनाडु के सेलम के रहने वाले हैं। हिंदी भाषी नहीं होने के बावजूद भी उन्हें बहुत अच्छी हिंदी बोलना और लिखना भी आता है। वह किसान के बेटे हैं और उन्हाेंने एग्रीकल्चर उनका पसंदीदा विषय है।
सहारनपुर एसएसपी दिनेश कुमार 2009 के आईपीएस हैं। दिनेश कुमार मूल रूप से तमिलनाडु के सेलम के रहने वाले हैं। हिंदी भाषी नहीं होने के बावजूद भी उन्हें बहुत अच्छी हिंदी बोलना और लिखना भी आता है। वह किसान के बेटे हैं और उन्हाेंने एग्रीकल्चर उनका पसंदीदा विषय है।
हत्या के आरोप में फंसे 8 लोगों को निकलवाया जेल से बाहर
सहारनपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने हाल ही में हत्या के मामले में झूठे मामले नामजद किए गए 8 लोगों को जेल से बाहर निकलवा कर उन्हें एक तरह से नई जिंदगी दी है। देवबंद में हुए बीजेपी नेता के चर्चित हत्याकांड में एक ही परिवार के दो सगे भाइयों समेत उनके पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जब इस हत्याकांड की पड़ताल शुरू हुई ताे कुछ ऐसे तथ्य सामने आए जिनमें आरोपी निर्दोष लग रहे थे। इस पर एसएसपी ने इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग की और जांच को असली हत्याराेपियों की तरफ मोड़ दिया। इस तरह हत्या की वारदात करके भी बच रहे असली हत्याराेपियों को जेल की सलाखों के पीछे भिजवाया और तीन बाप बेटों समेत हत्या के मामले में आरोपी 8 लोगों को नई जिंदगी दी।
सहारनपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने हाल ही में हत्या के मामले में झूठे मामले नामजद किए गए 8 लोगों को जेल से बाहर निकलवा कर उन्हें एक तरह से नई जिंदगी दी है। देवबंद में हुए बीजेपी नेता के चर्चित हत्याकांड में एक ही परिवार के दो सगे भाइयों समेत उनके पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जब इस हत्याकांड की पड़ताल शुरू हुई ताे कुछ ऐसे तथ्य सामने आए जिनमें आरोपी निर्दोष लग रहे थे। इस पर एसएसपी ने इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग की और जांच को असली हत्याराेपियों की तरफ मोड़ दिया। इस तरह हत्या की वारदात करके भी बच रहे असली हत्याराेपियों को जेल की सलाखों के पीछे भिजवाया और तीन बाप बेटों समेत हत्या के मामले में आरोपी 8 लोगों को नई जिंदगी दी।