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15 August 2018: आजादी के इस नायक ने अंग्रेजों को शहर से खदेड़ा था,लेकिन गद्दारों की थी फिर ये हरकतलाइव के दाैरान यहां चाैक के चाराें आेर रेहड़ी आैर फड़ लगवाने वाले मझले व्यापारियाें से बात भी की गई आैर उन्हें यह दिखाने का प्रयास किया गया कि किस तरह से उनकी उपेक्षा के चलते इस अमर शहीद अशफाक उल्ला खां की याद में बनाया गया यह चाैक गंदगी का ढेर बनता जा रहा है। इस लाइव के चलने के कुछ ही देर में इन व्यापारियाें काे अपनी जिम्मेदारी का अहसास हाे गया आैर देश प्रेम की भावना के साथ-साथ शहीद-ए-वतन के लिए जो सम्मान कहीं छिप गया था वह जाग उठा।
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15 अगस्त के बाद यूपी के इन पांच शहरों में एक मिनट भी नहीं कटेगी बिजलीइसके बाद जाे हुआ वह बेहद चाैंका देने वाला था। जाे लाेग कल तक यहां कूड़ा डाल रहे थे वह सभी आगे आए आैर आस्तीनें चढ़ाकर उन्हाेंने यहां सफाई शुरू कर दी। उन्हें किसी ने एेसा करने के लिए नहीं कहा था , यह उनके मन में देश आैर अमर शहीदाें के प्रति सम्मान आैर प्रेम था जिसे सिर्फ बाहर लाने की जरूरत थी। इस तरह पत्रिका की यह खबर सार्थक साबित हुई आैर देखते ही देखते व्यापारियाें ने दस मिनट से भी कम समय में पूरे चाैक काे साफ कर डाला। यह देख आस-पास के अन्य व्यापारी भी इकट्ठा हाे गए आैर उन्हाेंने भी पत्रिका के इस लाइव काे सराहते हुए इस चाैक काे अब हमेशा साफ रखने की बात कही आैर साफ-सफाई के लिए निगम काे जिम्मेदार नहीं ठहराने की बात भी कही।
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शहर के बीचों-बीच शहर के प्रमुख पांच बाजारों को जोड़ने वाले जिस रास्ते पर अशफाक उल्ला खान चौक है, वहां से दिन भर में कई हजार लोग रोजाना निकलते हैं। लेकिन इस अशफाक उल्ला खां चौक की दुर्दशा किसी को नहीं खटकी। हैरानी की बात यह है कि यहां का हाल देखने के बाद अब चलते-फिरते लाेगाें ने भी यहां कूड़ा डालना शुरू कर दिया था। इसी चौक से पत्रिका की ओर से लाइव किया गया और जब यहां लाइव करते हुए आसपास के लोगों से बात की गई आैर उनसे इस चाैक की दुर्दशा के लिए काैन जिम्मेदार है ?
शहर के बीचों-बीच शहर के प्रमुख पांच बाजारों को जोड़ने वाले जिस रास्ते पर अशफाक उल्ला खान चौक है, वहां से दिन भर में कई हजार लोग रोजाना निकलते हैं। लेकिन इस अशफाक उल्ला खां चौक की दुर्दशा किसी को नहीं खटकी। हैरानी की बात यह है कि यहां का हाल देखने के बाद अब चलते-फिरते लाेगाें ने भी यहां कूड़ा डालना शुरू कर दिया था। इसी चौक से पत्रिका की ओर से लाइव किया गया और जब यहां लाइव करते हुए आसपास के लोगों से बात की गई आैर उनसे इस चाैक की दुर्दशा के लिए काैन जिम्मेदार है ?
यह सवाल किया गया ताे उन्हें यह बात समझ आ गई कि जिम्मेदार वाे खुद भी हैं आैर देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्याैछावर करने के वाले अमर शहीदाें के लिए उनकी भी जिम्मेदारी बनती है। इस तरह देश प्रेम की भावना उनके मन में जागृत हुई आैर उन्हाेंने खुद ही आस्तीनें चढ़ाकर यहां साफ-सफाई शुरू कर दी। मानसिक रूप से इस लाइव का इतना बड़ा असर देखने को मिला कि जो युवा व्यापारी 5 मिनट पहले चौक की दुर्दशा के लिए नगर निगम और पावर कॉरपोरेशन को जिम्मेदार ठहरा रहे थे, उन्होंने खुद अपनी गलती मानी और आस्तीने चढ़ाते हुए साफ-सफाई में जुट गए।
लिया ये संकल्प
आस्तीनें चढ़ाकर शहीद-ए-वतन अशफाक उल्ला खां चाैक की व्यापारियाें ने सिर्फ सफाई ही नहीं की बल्कि यह संकल्प भी लिया कि जब तक जियेंगे चाैक को साफ रखेंगे और महीने में कम से कम 2 बार खुद इस चाैक की सफाई करेंगे। देश के लिए अपनी जान देने वाले अशफाक उल्ला खान के चौक की सफाई के लिए नगर निगम की टीम का इंतजार नहीं करेंगे और खुद इसकी जिम्मेदारी लेंगे। यह जिम्मेदारी लेने वालाें में व्यापारी माेहम्मद नदीम आैर माेहम्मद आबिद समेत अन्य व्यापारी शामिल हैं।
आस्तीनें चढ़ाकर शहीद-ए-वतन अशफाक उल्ला खां चाैक की व्यापारियाें ने सिर्फ सफाई ही नहीं की बल्कि यह संकल्प भी लिया कि जब तक जियेंगे चाैक को साफ रखेंगे और महीने में कम से कम 2 बार खुद इस चाैक की सफाई करेंगे। देश के लिए अपनी जान देने वाले अशफाक उल्ला खान के चौक की सफाई के लिए नगर निगम की टीम का इंतजार नहीं करेंगे और खुद इसकी जिम्मेदारी लेंगे। यह जिम्मेदारी लेने वालाें में व्यापारी माेहम्मद नदीम आैर माेहम्मद आबिद समेत अन्य व्यापारी शामिल हैं।