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नकुड थाना क्षेत्र के गांव ब्राह्मण माजरा के रहने वाले किसान धर्म सिंह के अनुसार बुधवार को वह बिजली घर में अपने बकाए बिल का भुगतान करने पहुंचे थे। जब उन्होंने काउंटर से डुप्लीकेट बिल निकलवाया तो बकाया बिल का ग्राफ देखकर होश उड़ गए। किसान को उम्मीद थी कि 2 महीने का अधिकतम बिल दाे हजार रुपये तक आ सकता है लेकिन पावर कॉर्पोरेशन ने किसान काे दस लाख रुपये का बिल थमा दिया। यह भी पढ़ें
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किसान की मानें तो उनका उत्पीड़न यहीं तक नहीं रुका। जब उन्होंने बिजली घर पर पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों से बात की तो उन्हें कोई रास्ता नहीं दिया गया। इतना ही नहीं, पावर कार्पोरेशन के अधिकारियों की ओर से उन्हे काेई मदद नहीं दी गई। लॉक डाउन ( lockdown ) में जब लोगों के पास रोजगार नहीं हैं किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। गन्ना किसानों को भुगतान नहीं मिल रहा और सब्जी किसान कम दाम मिलने की वजह से फसल को खेत में ही बर्बाद करने पर मजबूर हैं ताे ऐसे में किसान के साथ पावर कॉरपोरेशन ने जो किया है वह बेहद परेशान करने वाला है। यह भी पढ़ें