सहारनपुर

Breking भीम आर्मी सेना के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण से याेगी सरकार ने हटाई रासुका

यूपी की याेगी सरकार का बड़ा फैसलाः रासुका खत्म हाेने से दाे महीने पहले ही भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से हटाई रासुका

सहारनपुरSep 13, 2018 / 09:30 pm

shivmani tyagi

चुनाव 2019 से पहले यूपी की याेगी सरकार ने बड़ा फैसा लेते हुए भीम आर्मी सेना के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण से रासुका वापस ले ली है। सहारनपुर डीएम आलोक कुमार पांडेय ने रासुका हटा लिए जाने की आदेश सहारनपुर पहुंच जाने की पुष्टि की है। राज्य सरकार की आेर से लिए गए इस फैसले के बाद सहारनपुर पुलिस आैर प्रशासन चंद्रशेखर की रिहाई की तैयारियाें में जुट गया है। जिला जेल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दरअसल इन आदेशाें की खबर साेशल मीडिया पर फैलते ही सहारनपुर जिला जेल पर भीम आर्मी समर्थकाें की भीड़ जुटना शुरू हाे गई है।
 

पंद्रह माह से जेल में बंद हैं चंद्रशेखर

भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण करीब पंद्रह माह से जिला जेल में बंद हैं। सहारनपुर में भड़की जातीय हिंसा के बाद सहारनपुर पुलिस आैर एसटीएफ ने संयुक्त अॉपरेशन के दाैरान चंद्र शेखर काे डलहाैजी से गिरफ्तार किया था। चंंद्रशेखर काे अन्य मुकदमाें में ताे जमानत मिल गई थी लेकिन जमानत मिलते ही रासुका की कार्रवाई हाेने से चंद्रशेखर जेल से बाहर नहीं आ पा रहा था। भीम आर्मी कार्यकर्ता आैर समर्थक लगातार इसका विरोध कर रहे थे। भीम आर्मी सेना की ओर से यह आरोप लगाए जा रहे थे कि सरकार जानबूझकर चंद्रशेखर को जेल में रखे हुए है। सहारनपुर में भड़की जातीय हिंसा के ही ठाकुर पक्ष के तीन युवकों से करीब एक सप्ताह पहले रासुका हाईकाेर्ट ने हटा दी थी। हाईकाेर्ट के आदेशाें के बाद ठाकुर पक्ष के तीनाें युवकाें की रिहाई हुई ताे भीम आर्मी सेना के संस्थापक की रिहाई को लेकर आवाज आैर मुखर हाेने लगी । भीम आर्मी समर्थक लगातार यह मांग कर रहे थे कि चंद्रशेखर को भी जेल से रिहा किया जाए। चंद्रशेखर की रासुका की अवधि 2 नवंबर यानि करीब दाे माह बाद खत्म हाेनी थी लेकिन राज्य सरकार ने दाे माह पहले ही यह चंद्रशेखर से रासुका हटाते हुए रिहाई के आदेश जारी करके राजनीतिक गलियाराें में हलचल मचा दी है। इन आदेशाें के बाद भीम आर्मी समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। चंद्रशेखर की रिहाई की खबर लगातार सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही। समर्थक एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। एेसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि समर्थकाें की भारी भीड़ जिला जेल पर इकट्ठा हाे सकती है। यही कारण है कि रात काे ही जिला जेल पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह ने रात में ही जिला जेल पर पहुंचकर सुरक्षा इंतजामाें का निरीक्षण किया आैर दिशा निर्देश दिए।
 

9 मई काे भड़की थी सहारनपुर में जातीय हिंसा

9 मई काे सहारनपुर में भड़की जातीय हिंसा ने के बाद शासन ने तत्कालीन जिलधिकारी आैर वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक काे हटा दिया था। जिले की कमान आईएएस पीके पांडेय आैर आईपीएस बबलू कुमार काे दी गई थी। इस हिंसा में पुलिस ने चंद्रशेखर काे मुख्य आराेपी बनाया था आैर 5 जून काे डलहाैडी से गिरफ्तारी चंद्रशेखर काे गिरफ्तार कर लिया गया था। 30 अक्टूबर काे चंद्रशेखर काे सभी मुकदमाें में जमानत मिल गई लेकिन एक नवंबर काे ही जिला प्रशासन की आेर से चंद्रशेखर काे रासुका में निरूद्ध कर दिया गया। यही कारण रहा कि जमानत मिलने के बाद भी चंद्रशेखर की रिहाई नहीं हाे सकी। 2 नवंबर काे अब यह रासुका खत्म हाेनी थी। इसी बीच सरकार ने दाे महीने पहले ही रासुका की कार्रवाई काे वापस लेते हुए चंद्रशेखर की रिहाई के आदेश जारी कर दिए। चंद्रशेखर की मां कमला देवी समेत भीम आर्मी समर्थकाें आैर अन्य संगठनाें ने रासुका के खिलाफ सुप्रीम काेर्ट में भी अपील की हुई थी लेकिन सरकार ने यह निर्णय लेकर सभी काे चाैंका दिया है।

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