सहारनपुर

शब्बीरपुर में दलित समाज ने नहीं निकाली शाेभायात्रा, अब जाएंगे सुप्रीम काेर्ट

Highlights

शब्बीरपुर में नहीं निकली शोभा यात्रा
शाेभायात्रा के रूट को लेकर नहीं बनी सहमति
अब सुप्रीम काेर्ट जाएंगे दलित समाज के लाेग

सहारनपुरFeb 08, 2020 / 05:16 pm

shivmani tyagi

शब्बीरपुर

सहारनपुर। बड़गांव थाना क्षेत्र के चर्चित गांव शब्बीरपुर में शनिवार काे संत रविदास की जयंती पर शाेभायात्री नहीं निकली। हाइकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में प्रशासन और दलित समाज के लोगों के बीच शोभा यात्रा के रूट को लेकर सहमति नहीं बनी। इस पर दलित समाज के लोगों ने शोभायात्रा नहीं निकाली और सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कहकर चले गए।
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पिछले कई दिनों से शब्बीरपुर में संत रविदास जयंती पर शोभा यात्रा निकाले जाने को लेकर तैयारियां चल रही थी। पुलिस प्रशासन यहां पहले से ही तैनात हो गया था। 8 फरवरी को शोभायात्रा प्रस्तावित थी। इससे पहले ही शब्बीरपुर में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया। 12:00 बजे तक भी जब शोभायात्रा नहीं निकाली गई तो पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की दलित समाज के लोगों के साथ मीटिंग हुई।
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इस मीटिंग में प्रशासन ने शोभा यात्रा निकालने वाली समिति से कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार 2007 के बाद से जिस रूट से शोभायात्रा निकलती रही है उसी रूट से शोभायात्रा निकाली जाए, लेकिन इस पर दलित समाज ने साफ इंकार कर दिया। दलित समाज के लोग इस बात पर अड़े हुए थे कि जिस रूट से 2007 से पहले शोभायात्रा निकली गई थी उसी रूट से शोभायात्रा को निकाला जाएगा। इसी को लेकर पुलिस प्रशासनिक अफसरों के साथ दलित समाज के लोगों की काफी समय तक मीटिंग हुई।
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एसपी देहात व देवबंद एसडीएम ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों में 2007 के बाद जो रूट है उसी से शोभा यात्रा निकाले जाने की बात कही गई है।
इस तरह जब रूट को लेकर सहमति नहीं बनी तो दलित समाज के लोगों ने हाईकोर्ट के आदेश अनुसार निर्धारित रूट से शोभायात्रा निकालने से इंकार कर दिया। अब दलित समाज के लोगों ने कहा है कि वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएंगे और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही शोभायात्रा निकाली जाएगी।
जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल शब्बीरपुर वही गांव है जो 2007 में जातीय हिंसा में जल गया था। इस गांव में दलित समाज के लोग शोभायात्रा निकाल रहे थे उसी दौरान ठाकुर पक्ष और दलित समाज आमने सामने आ गया था। उस दौरान शब्बीरपुर में 50 से अधिक घर जला दिए गए थे और शब्बीरपुर कि यह आग पूरे सहारनपुर में ही नहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी से दिल्ली तक जा पहुंची थी।
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उस समय सहारनपुर जातीय हिंसा में जल उठा था और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती सहारनपुर पहुंची थी। शब्बीरपुर में उन्होंने सभा की थी। बाद में कांग्रेस लीडर राहुल गांधी भी सहारनपुर पहुंचे थे लेकिन उन्हें शब्बीरपुर गांव नहीं जाने दिया गया था और प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से उन्हें सहारनपुर हरियाणा के बॉर्डर पर ही रोक दिया था।
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वर्ष 2007 के बाद से एक नए रूट से शोभायात्रा शब्बीरपुर में निकाली जा रही थी। इसी बीच अंबेडकर कल्याण समिति ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में अपील की और हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब शब्बीरपुर में वर्ष 2020 में नए सिरे से शोभा यात्रा निकाले जाने की तैयारी पिछले कई दिनों से चल रही थी। 8 फरवरी को आज शोभा यात्रा निकाली थी लेकिन रूट को लेकर सहमति नहीं बन पाई। अब दलित समाज के लोगों ने ही कह दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और वहां से आदेश लेकर ही बाद में शोभायात्रा निकाली जाएगी।

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