देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वाकई किसी धर्म विशेष या जाति विशेष के नहीं बल्कि पूरे देश के चहेते थे। इसका सहज अंदजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके निधन पर मुस्लिम उलेमा भी दुःखी हैं। देवबंद के मुस्लिम उलेमाआें ने भी अटल बिहारी वाजपेयी के लिए दुआएं की हैं आैर कहा है कि आज बड़ा ही दुःखद दिन है आैर आज देश ने एक अच्छे नेता ही नहीं बल्कि अच्छे इंसान काे खाे दिया है। अटल बिहारी का वाजपेयी का जाना देश की राजनीति के लिए एेसी क्षति है जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। वह अपने स्थान पर हमेशा-हमेशा के लिए खाली स्थान छाेड़ गए हैं क्याेंकि उनके बाद उनके जैसा काेई दूसरा नहीं आ पाएगा।
दारूल उलूम निशवा के माेहमिम माैलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने कहा है कि ”मैं ऊपर वाले से दुआँ करता हूं, कि उनकी आत्मा काे शांति पहुंचे आैर हमारे 130 कराेड़ हमारे भारतीय भाई जाे इस वक्त गम में डूबे हुए हैं, मैं उन सभी के दुःख के सरीक में हूं। भारत उनका एक परिवार की तरह था खानदान की तरह था आज पूरा भारत दुःख में डूबा हुआ है। मैं पूरे भारत के लाेगाें काे आैर उनके परिवार के खानदान के लाेगाें के गम में शरीक हूं”
मजलिस इत्तेहाद-ए-मिल्लत के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती अहमद गाैड ने कहा है कि, ”इस दुनिया में जाे आया है उसे जाना है। सभी अल्लाह की अमानत हैं। अटल बिहारी वाजपेई एक अच्छे इंसान थे। अच्छे इंसान काे अल्लाह ने आज अपने पास ले लिया है। हम उनके परिवार के दुःख में शामिल हैं, उनके परिवार वालाें से हमारी हमदर्दी हैं। एेक एेसा नेता देश ने आज खाेया है जिसने देश के लिए काम किया है। देश के लाेगाें के लिए काम किया है। हम ताे बस इतना ही कहना चाहेंगे कि आज बड़ा ही दुःख भरा दिन है बड़ी ही दुःख की घड़ी है। इस दुःख में हम अटल बिहारी वाजपेई के परिवार वलाें के साथ हैं पूरे देश के दुःख में शामिल हैं”