देवबंद. देवबंदी मुस्लिम धर्मगुरु ने नागरिकता सशोंधन बिल (Citizen amendment Bill 2019) पास होने पर कड़े लफ़्ज़ों में निंदा की है। उन्होंने इस बिल को संविधान के खिलाफ बताया है। जमीयत दावतुल मुसलेमीन की संरक्षक और प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन इमाम मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा का कहना है कि इस बिल के ज़रिए साजिश के तहत मुसलमानों को अलग करने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल से भाजपा देश में विभाजन की कोशिश कर रही है। भाजपा असल मुद्दों से देश की आवाम को भटकाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सेकुलर दलों से राज्यसभा में इस बिल को पारित नहीं होने देने कू पुरजोर अपील की है।
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जमीयत दावतुल मुसलेमीन की संरक्षक और प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन इमाम मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने नागरिकता संशोधन बिल को लोकतंत्र और बाबा साहब अम्बेडकर के लिखे संविधान के ख़िलाफ़ बताते हुए कहा कि हम ऐसे बिल की खुलकर मुख़ालफ़त करते हैं, जो एक समुदाय को टार्गेट कर बनाया गया हो। उन्होंने कहा कि यह बिल विदेशों से आने वाले मुस्लिमों पर भी लागु होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बिल में सिर्फ़ मुसलमानों को ही अलग रखा गया है, यह एक बड़ा सवाल है।
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गोरा ने कहा कि इस बिल से साफ जाहिर होता है कि मौजूदा हुकूमत विकास के मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाकर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई पर राजनीतिक कर अपना उल्लू सीधा करने के ग़रज़ से इनको बांटना चाहती है। आज मुसलमानों को अपने बड़ों की कुर्बनियाँ याद कर अफ़सोस होता है कि क्या हमारे बड़ों ने इसी दिन के लिए अपनी कुर्बानिया दी थी। क्या हिंदुस्तान में मुसलमान होना गुनाह है? मुसलमानों के साथ ऐसा बर्ताव करना कितना सही है? मैं समझता हूँ तमाम लोगों को ऐसे बिल की मुख़ालफ़त करनी चाहिए, जो एक समुदाय को निशाना बनाने के लिए बनाया गया हो। गोरा ने कहा कि मैं तमाम सेक्यूलर दलों से अपील करता हूँ कि राज्यसभा में इस बिल को पारित नहीं होने दिया जाए।