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उन्होंने सवालिया लहजे में फूछा कि दलितों को दलित क्यों कहते हैं। हरिजन क्यों कहते हैं। उनको पिछड़ा हुआ क्यों मान रखा है। उन्हें अपने कुंए से पानी क्यों नहीं पीने देते। उनको अपने मंदिरों में जाने क्यों नहीं देते। वह लोग गलत है कि इस मुल्क में बसने वाले सब राम की औलाद हैं यह बात वह अपने आप को कहते हैं कि राम की औलाद हैं और दूसरे किसी की औलाद है वह साबित नहीं कर सकते। जब सब राम की औलाद ही है तो कुछ हिंदू रह गए। दूसरे मुसलमान हो गये, तीसरे सिख्ख हो गए और चौथे क्रिश्चन बन गए तो इससे क्या फर्क पड़ता है। मैं नहीं समझता कि इसमें कोई खराब बात है।
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गिरिराज के इस बयान पर कि राम मंदिर वहीं बनाएंगे। इस पर मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मैं यह समझता हूं कि इलेक्शन का मामला है और इसके सिवा कुछ भी नहीं है। यह देखते कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या कहती है। उसके बाद इसका फैसला होगा । आज उनका ये बयान ही उनके लिए नुकसान दे होगा। ये लोग न तो इलेक्शन कमीशन को कुछ समझते हैं, न मुल्क की खुफिया एजेंसियों को कुछ समझते हैं और न ही यह लोग सुप्रीम कोर्ट को कुछ समझते हैं और वह कह रहे हैं कि कुछ भी हो मंदिर बनाएंगे तो मैं नहीं समझता कि इस मुल्क में ऐसा हो सकता है , बाकी आने वाले दिन बताएंगे ।