जानिए पूरी घटना दरअसल, देवबंद के ईदगाह में कई दिनों से CAA, NRC और NPR के विराेध में महिलाओं का धरना ( CAA protest ) चल रहा है। यहां 24 घंटे महिलाएं विराेध प्रदर्शन करती हैं। देवबंद कस्बे के ही माेहल्ला बड़जियाउलहक के रहने वाले नाैशाद की पत्नी नाैशाबा भी इस धरने में कई दिनों से शामिल हाे रही थी। नाैशादा अपनी दूधमुंही बच्ची मुन्नी काे भी साथ लाती थी। धरने पर बैठी महिलाओं ने बताया कि नाैशाबा ने कई बार रात में भी धरने पर रुकने की काेशिश की लेकिन माैसम और छाेटी बच्ची काे देखते हुए उसे बार-बार मना कर दिया गया।
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इसके बावजूद नाैशाबा दिनभर धरने पर रहती थी। महिलाओं के अनुसार नाैशाबा हर राेज समय से अपनी बच्ची के साथ धरने पर आ जाया करती थी लेकिन शुक्रवार काे वह धरने पर नहीं आई। जब पता किया गया ताे जानकारी मिली कि उसकी बच्ची की तबियत खराब थी जिसकी माैत हाे गई। इस खबर से धरनास्थल पर दु:ख पसर गया। महिलाएं नाैशाबा के घर पहुंची और बच्ची की माैत पर दु:ख जाहिर करते हुए मां काे सांत्वना दी। यह भी पढ़ें
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मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी की अध्यक्ष इरम उस्मानी समेत अन्य महिलाओं पर बच्ची की माैत पर दुःख पर जताया है। साेशल मीडिया पर मां के साथ बच्ची के फाेटाें पाेस्ट करते हुए बच्ची की माैत काे बलिदान बताया जा रहा है। इस बारे में जब प्रशासनिक अफसरों से बात की गई ताे एडीएमई एसबी सिंह ने कहा कि बच्ची की माैत हाेना दु:खद है लेकिन इतनी छाेटी बच्ची काे धरने पर ले जाना लापरवाही है। बच्ची की माैत के लिए माता-पिता की लापरवाही जिम्मेदार है उन्हे इतनी छाेटी बच्ची काे खराब माैसम के बीच धरने पर नहीं ले जाना चाहिए।