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मायावती ने मतदाताओं को आगाह किया कि विरोधी पार्टियों के हवा-हवाई चुनावी वादों के बहकावे में नहीं आना है। इसके साथ ही मायावती ने गरीबी दूर करने का अपना फॉर्मूला भी पेश किया। बसपा सुप्रीमों ने कहा कि कांग्रेस के मुखिया ने देश के अति गरीब लोगों के मतों को लुभाने के लिए हर महीने 6 हजार रुपये देने की जो बात कही है, उससे गरीबी का कोई स्थायी हल निकलने वाला नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में हमें सरकार बनाने का मौका मिला तो हर महीने सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों में स्थायी रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी।
मायावती ने राहुल गांधी न्याय योजना को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस के इस बहकावे में नहीं आना है। कांग्रेस अध्यक्ष की दादी इंदिरा गांधी ने भी गरीबी हटाने के लिए 20 सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा कर गरीबों से छलावा करने का काम किया था। इसके बावजूद आज तक लोग गरीबी से जूझ रहे हैं। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अगर केंद्र में हमें सरकार बनाने का मौका मिला तो अतिगरीब के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए स्थायी व्यवस्था शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी और गैर सरकारी नौकरियों के जरिए हर हाथ को काम देकर गरीबी की समस्या को दूर किया जाएगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव के अपने घोषणा-पत्र में वादा किया है कि सत्ता में आने पर न्यूनतम आय योजना (न्याय) देशभर में लागू की जाएगी। इसके तहत देश के 5 करोड़ परिवार या 25 करोड़ लोगों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया गया है। इस योजना के जरिए देश की 20 फीसदी जनता को लाभ मिलेगा।