सहारनपुर. प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्दशी तिथि काे महाशिवरात्रि ( mahashivratri ) पर्व मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। पाैराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
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( mahashivratri special )आचार्य पंडित राेहित वशिष्ठ के अनुसार महाशिव रात्रि पर विधि विधान के अनुसार किया गया पूजन और शिव अराधना वर्षभर के लिए फल देने वाले हैं। महाशिव रात्रि पर पूजा अनु्ष्ठान और मंत्र जाप से ग्रह दाेष और राेगाें से भी मुक्ति पाई जा सकती है। भगवान शिव देवाे के देव महादेव हैं। कलियुग में यही एक ऐसे देव हैं जाे महज बेल पत्र चढ़ाने से भी खुश हाे जाते हैं। आईये जाानते हैं वह काैन से मंत्र हैं जिनके जाप से सारे कष्ट मिटने वाले हैं। रुद्राभिषेक से शांत हाेते हैं ग्रह महाशिवरात्रि पर्व पर रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना और रुद्राभिषेक करने से शनिदेव, राहु और चंद्रमा की जीवन पर पड़ रही अशुभ दशा से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से ग्रह दाेष भी दूर हाे जाते हैं। अगर किसी पर शनि की साढ़े साती है ताे इस दिन ” ह्ीं ओम् नम: शिवाय ह्ीं ” मंत्र का जाप करना चाहिए।
रूद्र गायत्री मंत्र से शांत हाेता है कालसर्प याेग भगवान शिव का रुद्र गायत्री मंत्री भी शिवरात्रि पर राहु-केतू और शनि की टेढ़ी दृष्टि से निजात दिलाता है। अगर आपकी कुंडली में काल सर्प याेग है तो महाशिवरात्रि पर रूद्र गायत्री मंत्र ” ओम तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचाेदयात्” का जाप करना चाहिए।
अकाल मृत्यु और राेगाें से मुक्ति दिलाएगा महामृत्युंजय मंत्र महाशिव रात्रि पर महाकाल का महामृत्युंजय मंत्र काल को भी मात देने वाला है। इस मंत्र से अकाल मृत्यु, ग्रह दाेष से मुक्ति मिलती है। महाशिव रात्रि पर महामृत्युजंय मंत्र
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ।। मंत्र का जाप करना चाहिए। अगर आप किसी गंभीर राेग से पीड़ित हाे ताे उससे भी आपकाे मुक्ति मिलेगी।