ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर सभी जिलों में मदरसों का सर्वे किया जा रहा है। सहारनपुर जिलाधिकारी अखिलेश सिंह भी जिलेभर में गैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे करा रहे हैं। तहसील स्तर पर टीम गठित कर 10 सितंबर से सहारनपुर में सर्वे कार्य किया जा रहा है। अभी तक के सर्वे में जहां सदर तहसील क्षेत्र में सबसे ज्यादा गैर सहायता प्राप्त मदरसे मिले हैं तो वहीं बेहट तहसील क्षेत्र में सबसे कम सहायता प्राप्त मदरसे मिले हैं। वर्तमान में सर्वे जारी है। बताया जा रहा है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या बढ़ सकती है।
यह भी पढ़े – वाराणसी में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की अब दो नवंबर को होगी सुनवाई इन बिंदुओं पर किया जा रहा सर्वे सहारनपुर में अभी तक हुए सर्वे में करीब 360 मदरसे सरकार से गैर सहायता प्राप्त मिले हैं। सर्वे रिपोर्ट तैयार कर 15 नवंबर तक शासन को भेजी जाएगी। डीएम ने बताया कि सर्वे टीम निर्धारित प्रारूप के तहत रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। इसमें पाठ्यक्रम, छात्रों की संख्या, स्थापना, संस्थापक, संचालन करने वाली संस्था, मदरसे को सरकारी मदद आदि विषय पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
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सर्वे को लेकर लोगों में कुछ भ्रम डीएम अखिलेश सिंह ने बताया कि दारुल उलूम देवबंद भी सरकार से मदद नहीं लेता, ये सोसायटी एक्ट में पंजीकृत है। लेकिन, यह अवैध है, ऐसा नहीं कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे को लेकर लोगों में कुछ भ्रम है। सरकार से मदद नहीं लेने वाले मदरसों को तब तक अवैध नहीं कह सकते हैं, जब तक यह पुष्टि न हो जाए कि उनको प्राप्त मदद का स्रोत उचित नहीं है।
सर्वे को लेकर लोगों में कुछ भ्रम डीएम अखिलेश सिंह ने बताया कि दारुल उलूम देवबंद भी सरकार से मदद नहीं लेता, ये सोसायटी एक्ट में पंजीकृत है। लेकिन, यह अवैध है, ऐसा नहीं कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे को लेकर लोगों में कुछ भ्रम है। सरकार से मदद नहीं लेने वाले मदरसों को तब तक अवैध नहीं कह सकते हैं, जब तक यह पुष्टि न हो जाए कि उनको प्राप्त मदद का स्रोत उचित नहीं है।