वीडियाे देखने के लिए यहां क्लिक करें https://www.youtube.com/watch?v=3DPvTabK1JU मुख्यमंत्री की यह सभा अम्बेहटा पीर कस्बे में भरी दोपहरी में हो रही थी और तापमान बेहद अधिक था। जनसभा में बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचे आैर जिससे गर्मी आैर बढ़ गई। करीब डेढ़ घंटे तक चली सभा में जब समर्थकों को पीने के लिए पानी नहीं मिला तो गर्मी में वह बिलबिला उठे और उनके सब्र का बांध टूट गया। मुख्यमंत्री की जनसभा खत्म हुई तो इन लोगों का गुस्सा यहां बिछी कुर्सियों पर फूट पड़ा और समर्थकों ने कई कुर्सियां तोड़ डाली। कुर्सियां तोड़ रहे समर्थकों को सुरक्षाकर्मियों ने शांत किया। गर्मी से परेशान समर्थकों का यह गुस्सा था जो कुर्सियों पर उतरा। यह अलग इस दौरान पूछने पर सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि समर्थक हेलीकॉप्टर देखने के लिए जल्दी बाहर निकलने की कोशिश कर रहते इसी दौरान कुर्सियों के ऊपर से चढ़ गए जिससे कुर्सियां टूट गई।
भाजपा का झंडा पाने के लिए डंडों पर चढ़ गए लोग
मुख्यमंत्री की जनसभा के बाद भाजपा के झंडे के प्रति लोगों में बेहद क्रेज देखने को मिला। यहां लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर लोहे के पाइप ऊपर चढ़ गए और जमीन से काफी ऊपर लगे झंडों को उतार लिया। इन लोहे के पाइप ऊपर बिजली के पंखे लगे हुए थे बिजली के तार लगे हुए थे लेकिन लोगों ने अपनी जान की परवाह भी नहीं की और झंडे उतारने के लिए लोहे के पाइपों पर चढ़ गए। पाइप ऊपर चढ़ रहे युवाओं को देखकर एक बुजुर्ग भी ऊपर चढ़ गए जिनका पैर फिसलते फिसलते बचा दो बार विफल होने पर भी यह बुजुर्ग नहीं माने और तीसरी बार में इन्होंने भी झंडा उतार ही लिया। समर्थकों को लोहे के खंभों पर चढ़ता हुआ देख आयोजकों ने पूरे पंडाल की पावर सप्लाई को बंद करा दिया ताकि किसी को करंट ना लग जाए लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर एक झंडे के लिए समर्थक अपनी जान की परवाह किए बगैर किस तरह से लोहे के पाइप ऊपर चढ़ गए ?