भीम आर्मी के कई आंदोलनों का साक्षी रहा है ये छप्पर
सहारनपुर में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को शरण देने वाला छप्पर बरसात में गिर गया। इसकी फोटो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। भीम आर्मी पदाधिकारियों का कहना है कि यह वही छप्पर है जो भीम आर्मी की स्थापना का साक्षी रहा है। दरअसल सहारनपुर के छुटमलपुर में चंद्रशेखर का घर है। इसी कालोनी में स्थित ये छप्पर भी भीम आर्मी की स्थापना का साक्षी रहा है। यहां हरिजन कॉलोनी में रहने वाले सतीश रावत के घर में ये छप्पर बना हुआ है।
सहारनपुर में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को शरण देने वाला छप्पर बरसात में गिर गया। इसकी फोटो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। भीम आर्मी पदाधिकारियों का कहना है कि यह वही छप्पर है जो भीम आर्मी की स्थापना का साक्षी रहा है। दरअसल सहारनपुर के छुटमलपुर में चंद्रशेखर का घर है। इसी कालोनी में स्थित ये छप्पर भी भीम आर्मी की स्थापना का साक्षी रहा है। यहां हरिजन कॉलोनी में रहने वाले सतीश रावत के घर में ये छप्पर बना हुआ है।
रविवार सुबह हुई दुर्घटना
तेज बारिश और हवाओं से रविवार सुबह ये छप्पर अचानक गिर गया। यह वही छप्पर है जिसमें बैठकर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित करते रहे हैं। बताया जाता है कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने इसी छप्पर के नीचे बैठकर सतीश रावत और अन्य साथियों के साथ भीम आर्मी की स्थापना की घोषणा की थी। बड़े स्तर पर भीम आर्मी के शुरुआती आंदोलनों Bhim Army Protest का भी यह छप्पर साक्षी रहा है।
तेज बारिश और हवाओं से रविवार सुबह ये छप्पर अचानक गिर गया। यह वही छप्पर है जिसमें बैठकर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित करते रहे हैं। बताया जाता है कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने इसी छप्पर के नीचे बैठकर सतीश रावत और अन्य साथियों के साथ भीम आर्मी की स्थापना की घोषणा की थी। बड़े स्तर पर भीम आर्मी के शुरुआती आंदोलनों Bhim Army Protest का भी यह छप्पर साक्षी रहा है।
दुर्घटना के समय छप्पर के नीचे बैठे थे चंद्रशेखर के समर्थक
रविवार सुबह करीब 10:00 बजे छप्पर के नीचे काफी लोग बैठे हुए थे। इसमें सतीश रावत के अलावा फैजान अहमद फिरोज खान और सचिन कंडवाल भी मुख्य रूप से बैठे हुए थे। अचानक ये भरभराकर से नीचे गिरने लगा। इसी दौरान एक समर्थक की गिरते छप्पर पर नजर गई और उसने शोर मचा दिया। शोर मचते ही छप्पर के नीचे बैठे लोग इधर-उधर भाग पड़े जिससे उनकी जान बच गई।
रविवार सुबह करीब 10:00 बजे छप्पर के नीचे काफी लोग बैठे हुए थे। इसमें सतीश रावत के अलावा फैजान अहमद फिरोज खान और सचिन कंडवाल भी मुख्य रूप से बैठे हुए थे। अचानक ये भरभराकर से नीचे गिरने लगा। इसी दौरान एक समर्थक की गिरते छप्पर पर नजर गई और उसने शोर मचा दिया। शोर मचते ही छप्पर के नीचे बैठे लोग इधर-उधर भाग पड़े जिससे उनकी जान बच गई।