ईडी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सहारनपुर से पूर्व एमएलसी रहे मोहम्मद हाजी इकबाल द्वारा बसपा सरकार में कई शुगर मिलों को खरीदा गया था। कार्रवाई कर उनकी सात शुगर मिल को कब्जे में लिया गया है। इनमें से कुछ उनके परिवार के नाम से भी रजिस्टर थीं। जिनकी कुल कीमत 1097 हजार करोड़ से अधिक है। इस अलावा इनकी अन्य जगह स्थित संपत्तियों की भी जांच कराई जा रही है। नम्रता मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड और गिरीशो कंपनी प्रा. लिमिटेड मो. इकबाल के नियंत्रण वाली शेल कंपनियां हैं। जांच में कई शेल कंपनियों के डमी निदेशक और फर्जी लेनदेन का पता चला था। जो चीनी मिल कब्जे में ली गई हैं वे बाराबंकी, देवरिया, कुशीनगर और बरेली में स्थित हैं।
ये चीनी मिल ली गईं कब्जे में बताया जा रहा है कि हाजी इकबाल द्वारा बनाई शेल कंपनी गिरीशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने मायावती सरकार में एब्लेज चीनी मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, आदर्श शुगर प्राइवेट लिमिटेड, इकोन शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, मेजेस्टी शुगर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, एजिल शुगर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मास्टिफ़ शुगर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और ओकरा शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड को खरीदा था।
यह भी देखें: कृषि कानूनों के विरोध मे किसानों ने अपनी गेहूं की 22 बीघा फसल पर चलाया ट्रेक्टर प्रधान ने दर्ज करवाया धोखाधड़ी का मुकदमा गौरतलब है कि हाजी इकबाल के खिलाफ कुछ समय पहले बेहट तहसील के मीरपुर गंदेवड़ के प्रधान विश्वास कुमार द्वारा थाने में तहरीर देते हुए धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया था। उन्होंने अपनी तहरीर में बताया था कि उसने वैभव मुकुंद के साथ पार्टनरशिप में दो फर्म यमुना एग्रो सॉल्यूशन और यमुना एग्रो टेक फार्म साउथ सिटी दिल्ली रोड पर बनाई थी। आरोप है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर और डाक्यूमेंट लगाकर पंजाब नेशनल बैंक में फर्जी खाता खोला गया और इससे पूर्व एमएलसी की तीन कंपनियों में लाखों रुपये का ट्रांसफर किया गया। इस मामले में भी पुलिस जांच कर रही है।