प्रभारी मंत्री सुनील कुमार शर्मा समेत जिले के जनप्रतिनिधि इसके साक्षी रहे। हालांकि, यात्री वायुयानों की उड़ान को लेकर अभी शेड्यूल नहीं आया है। ऐसे में यात्रियों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। आज दोपहर बाद तीन बजे कार्यक्रम शुरू हुआ। इसके बाद 4:15 पर प्रधानमंत्री उद्घाटन किया।
सिविल एयरपोर्ट का रनवे अपना नहीं होगा
सिविल एयरपोर्ट बनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह थी पास में एयरफोर्स स्टेशन का होना। सिविल एयरपोर्ट का रनवे अपना नहीं होगा। यात्री एयरपोर्ट में प्रवेश कर अपने कागजों की जांच कराकर बोर्डिंग पास लेंगे। इसके बाद बस में बैठाकर उन्हें विमान तक ले जाया जाएगा। विमान दो सुरक्षा द्वारों को पार कर एयरफोर्स क्षेत्र में प्रवेश कर रनवे से उड़ान भरेगा।सुरक्षा की ये है व्यवस्था
बता दें, कि सिविल एयरपोर्ट के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को प्रदेश सरकार द्वारा 65 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है। संपूर्ण भूमि की सुरक्षा की दृष्टि से 8 फीट ऊंची बाउंड्री वॉल कराकर तारबाड़ भी कराई गई है। परिसर में अलग-अलग निर्माण किए गए हैं। जिसमें एक समय में दो वायुयान खड़े होने के लिए 163 मीटर लंबा तथा 73 मीटर चौड़ा एप्रन यानि प्लेटफार्म बनाया गया है।200 यात्रियों के बैठने के लिए है व्यवस्था
एप्रन से हवाई पट्टी तक जाने के लिए 23 मीटर चौड़ा तथा 445 मीटर लंबा टैक्सी ट्रैक भी निर्मित किया गया है। यात्रियों के विश्राम के लिए लाउंज, आने तथा जाने के लिए दो सुरक्षा द्वार, लगेज चेक करने के लिए सेंसर युक्त एक्स-रे मशीन, बोर्डिंग पास काउंटर और एक समय में 200 यात्रियों के बैठने के लिए लाउंज बनाया गया है। यह भी पढ़ें