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इसके अलावा कस्बे के विभिन्न मदरसों में दारुल उलूम और वक्फ़ दारुल उलूम के वरिष्ठ उस्ताद मेहमान-ए-खसुसी के तौर पर शामिल हुए। इन उलेमा ने इस दौरान जंग-ए-आजादी में हाजी आबिद हुसैन, मौलाना कासिम नानोतवी, शेखुल हिन्द मौलाना महमूद उल हसन, मौलाना वहीदुद्दीन, मौलाना हुसैन मदनी और मौलाना अनवर शाह कश्मीरी समेत उन उलेमा को याद किया, जिनहोंने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था। इस दौरान यहां पढ़ने वाले तल्बाओ ने राष्ट्रगान गाकर देश की आजादी का पर्व बड़ी ही धुमधाम के साथ बनाया। इस मौके पर मिठाई बांटकर एक दुसरे को मुबारकबाद दी ।