तो रील बनना है वजह!
देवबंद दारुल उलूम में युवतियों और महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। संस्थान के इस फैसले को सुनकर हर कोई हैरान है लेकिन प्रबंधन तंत्र ने इस फरमान को लेकर साफ शब्दों में कहा है कि महिलाएं दारुल उलूम के परिसर में रील बनाती हैं। महिलाओं की इस एक्टीविटी से तलबाओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसलिए परिसर में महिलाओं की एंट्री पर बैन लगाया गया है।
देशभर से आ रही थी शिकायतें!
प्रबंधन तंत्र ने स्थानीय मीडियाकर्मियों को दिए बयान में कहा है कि देवबंद दारुल उलूम परिसर से युवतियां और महिलाएं रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर रही थी। दुनियाभर से इसकी शिकायतें मिल रही थी। यह सिलसिला तेजी से बढ़ रहा था। पहले इस पर कम ध्यान नहीं दिया गया लेकिन अब महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही थी। बहुत बड़ी संख्या में महिलाएं यहां आकर रील बना रही थी। इससे दुनियाभर में छवि धूमिल हो रही थी। प्रबंधन तंत्र का कहना है कि इसी को देखते हुए महिलाओं की एंट्री पर बैन लगाया गया है।
जानिए क्या कहते हैं मोहतिम
देवबंद दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि किसी तालीमगाह में इस तरह के कृत्य उचित नहीं। दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हुआ है। परिसर में काफी भीड़ हैं। ऐसे में महिलाओं का भी अधिक संख्या में आना और घूमते-फिरते हुए रील बनाने जैसी गतिविधियों से तलबाओं की पढ़ाई प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि कुछ छात्रों की ओर से भी इसकी शिकायतें की गई हैं। उन्होंने बताया कि परिसर में जब महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया तो कुछ महिलाओं ने इसका विरोध भी किया लेकिन बाद में जब उन्हे उचित वजह बताई गई तो वो मान गई।
बेहद खूबसूरत है परिसर
देवबंद दारुल उलूम की लाइब्रेरी और आंतरिक परिसर काफी सुंदर है। यहां दुनियाभर से लोग घूमने आते हैं। इसी क्रम में देवबंद के लोग भी परिसर में घूमने आते हैं। युवतियां और महिलाएँ यहां लाइब्रेरी देखने और सामान्य रूप से घूमने भी आती हैं लेकिन अब महिलाओं की एंट्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दी गई है।