सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर मस्जिद विवाद के मुद्दे को कमेटी के हाथों सौपने की देवबंदी उलेमा ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा है कि अगर इसका हल बाहर ही होना होता तो अब से बहुत पहले हो गया होता। उलेमा ने बाहरी लोगों में अविश्वास जताते हुए कहा कि बाहर के लोगों की नियत मे खोट होता है, इसलिए इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ही निपटाया जाना चहिए।
उन्होंने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई है, तीन लोगों की जो अपनी 8 हफ्तों के अंदर रिपोर्ट पेश करेंगे। लेकिन हम उच्च न्यायालय से अपील करना चाहते हैं कि अगर यह मुद्दा बाबरी मस्जिद-राम मंदिर का अब से पहले बाहर हल होना होता तो, वह अब से पहले ही हल हो जाता। उन्होंने कहा कि बाहर लोगों की नियत में खोट होता है। इसलिए बाहर यह मुद्दा हल होने वाला नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हैं अपनी तमाम तंजीमों की तरफ से और अपनी तरफ से और अपने तमाम जिम्मेदारियों की तरफ से कि सुप्रीम कोर्ट खुद इस मसले को हल करें और हमें पूरा विश्वास और यकीन है कि हमारी पूरी दुनिया और हमारी पूरी कौम आप पर विश्वास लगाए बैठी है और आपके ऊपर निगाहें लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा वो हम सबके लिए मान्य होगा। कारी मुस्तफा ने कहा कि किसी कमेटी के ऊपर यकीन और भरोसा नहीं है, क्योंकि अब से पहले भी लोगों की नियत में खोट था। अब से पहले भी तमाम सारी सूरते हाल देख ली गई है और तमाम हालात सामने आ चुके हैं तभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया है तो सुप्रीम कोर्ट इस मसले का हल करें।