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Deoband Darul Uloom के मोहतमिम ने शासन-प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जब लॉक डाउन में विभिन्न शर्तो के अनुसार बाजार खोले जा सकते हैं, विवाह समारोह हो सकते हैं तो सभी मजहबों की इबादतगाहों को भी खोला जा सकता है। मस्जिदों मेंं कोई भी नमाज अदा करने में मात्र चंद मिनट लगते हैं इसलिए सोशल डिसटेंसिंग के साथ मस्जिदों और दूसरी इबादतगाहों को भी अब खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह भी पढ़ें