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देवबन्दी उलेमा मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा कि सबसे पहले तो में दुख व्यक्त करता हूं।बड़े दुख का समय है ये हमारे लिए वो बच्चे जिनको मां-बाप ने, किसी बहन ने तैयार करके स्कूल भेजा था।अब वो कभी वापस नहीं आएंगे।मेरा तो कलेजा फटा जा रहा है और ये बड़ा ताज्जुब है कि ऐसे लोग सत्ता में बैठे हैं।पता नहीं उनके पास दिल नहीं है क्या? एक के बाद एक हादसे हो रहे हैं। कभी ट्रेन में हादसा हो जाता है तो कभी स्कूली बच्चों के साथ हादसा हो जाता है।अगर व्यवस्था नहीं संभल रही है,तो इस्तीफा दे देना चाहिए अगर उन बच्चों से जरा सी भी संवेदना है तो इस्तीफा दे ही देना चाहिए। यह भी पढ़ें
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आपसे व्यवस्था नहीं संभल रही है।डिजिटल इंडिया का आपने वादा किया था।क्या हुआ कुछ भी नहीं हुआ? रोटी, कपड़ा और मकान शिक्षा कहां है, कुछ भी नहीं है आपने कहा था सबका साथ सबका विकास कितने लोगों को मारा जा रहा है किस तरह से घटना हो रही है कैसी-कैसी घटनाएं हो रही है दलितों पर अत्याचार हो रहा है तमाम लोगों पर जहां भी देखो आप ऐसा नहीं है कि दलितों पर अत्याचार हो रहा है जिस समुदाय को जहां भी देखो आपस में लड़ रहे हैं। यह भी पढ़ें-बड़ी खबर: लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने इस नेता को फिर सौंपी बड़ी जिम्मदारी क्यों, क्योंकि रोजगार नहीं है रोटी नहीं है पैसा नहीं है शिक्षा नहीं है, नोटबंदी है ये इस तरह की चीजें हैं। जीएसटी है, व्यापारी तड़प रहा है, हर चीज से तरस रहा है तबाही तबाही मची है आप इस्तीफा दे दीजिए।आपसे कोई व्यवस्था नहीं संभल रही है। योगी-मोदी आप सरकार से बाहर हुईए।सरकार से बाहर हो आप दूसरे को व्यवस्था दें।आप दूसरे को काम करने का मौका दें।