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सहारनपुर:भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष के भाई की गोली लगने से मौत, इलाके में तनाव
एसएसपी का कहना है कि इस वीडियो के आधार पर भी जांच कराई जा रही है और जिस तरह से गोली लगने के बाद शरीर पर ब्लैकनिंग नहीं आई है उससे यह आशंका जताई जा रही है कि गोली बेहद नजदीक से लगी है। अभी तक कोई ऐसा स्पष्ट जवाब ही सामने नहीं आया है जिसने किसी को गोली मारते हुए देखा हो। इन सभी एंगल पर जांच कराई जा रही है। यानि साफ है कि पुलिस अभी इस पूरी घटना को हत्या का मामला नहीं मान रही। उधर मृतक के परिजनों और गांव वालों की ओर से साफ आरोप लगाया जा रहा है कि सचिन वालिया की किसी ने गोली मारकर हत्या की है, लेकिन अभी तक किसी की ओर से कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई है। यह भी पढ़ें
भाजपा के ये नेता बोले, यहां हारे तो पाकिस्तान और कश्मीर में मनेगी दिवालीजिला अस्पताल में इकट्ठे गांव के लोगों और परिजनों में बेहद गुस्सा है और रामनगर गांव में भी महिलाएं और बच्चे सड़क पर आ गए हैं। इस घटना के बाद प्रशासन ने मालीपुर रोड पर चल रही महाराणा प्रताप जयंती को आनन-फानन में बंद कराया और माहौल को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। एसएसपी सहारनपुर बबलू कुमार का कहना है कि पर्याप्त पुलिस बल पूरे शहर में तैनात कर दिया गया है और पूरी घटना की गंभीरता से जांच कराई जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर अनिश्चित काल के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है।
यह भी देखें-इस विधानसभा सीट से अवनि सिंह को बीजेपी ने बनाया प्रत्यशी प्राप्त जानकारी के मुताबिक भीम आर्मी ने लोगों को चेतावनी दी थी कि वे महाराणा प्रताप जयंती का कार्यक्रम न करें। लेकिन जिला प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति देते हुए 800 पुलिस कर्मियों की सुरक्षा कार्यक्रम स्थल महाराणा प्रताप भवन के आसपास उपलब्ध कराई थी। भीड़ के जमावड़े को लेकर भी प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। इसी वजह से कार्यक्रम में सिर्फ 200 निहत्थे लोगों को शामिल होने की परमिशन दी गई थी।
अब सचिन के परिवार का आरोप है कि प्रशासन ने उसे महाराणा प्रताप जयंती मनाने की इजाजत देकर मरवा दिया। पिछले साल भी दलित और राजपूतों के बीच त्योहार मनाने को लेकर विवाद हुआ था। विवाद के बाद एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि 16 अन्य लोग घायल हो गए थे। घायलों में एक पुलिस का जवान भी शामिल था।