यह भी पढ़ें- किचन में रखे सामान कोरोना से लड़ाई में करेंगे मदद, आयुष कवच ऐप का नया फीचर ‘आयुर्वेद किचन’ बताएगा घरेलू नुस्खों से इलाज दरअसल, सहारनपुर के गांव नल्हेडा गुर्जर के रहने वाले सुनील कुमार बलिया खेड़ी ब्लॉक में सफाई कर्मचारी हैं। पंचायत चुनाव की घोषणा हुई तो बीडीसी की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई। ग्रामीणों के कहने पर सुनील ने बीडीसी के पद पर 26 वर्षीय पत्नी सोनिया काे खड़ा कर दिया। सुनील ने पत्नी को जिताने के खूब मेहनत की। वहीं, ग्रामीणों ने भी बीए पास सोनिया के पक्ष में मतदान किया और सोनिया बीडीसी का चुनाव जीत गईं। इसके बाद बारी थी ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की, जो पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था। इसी बीच भाजपा पढ़ी लिखी अनुसूचित महिला प्रत्याशी की तलाश कर रही थी। पार्टी हाईकमान को भाजपा नेता मुकेश चौधरी ने सोनिया का नाम सुझाया तो उस पर आम सहमति बन गई। भाजपा के पास बहुमत के चलते सोनिया के सामने कोई खड़ा नहीं हुआ और सोनिया निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख पद के लिए निर्वाचित हुईं।
पति करते रहेंगे नौकरी नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख सोनिया बेहद खुश हैं। ब्लॉक प्रमुख सोनिया का कहना है कि चुनाव जिताने में उनके पति और परिवार ने भरपूर सहयोग किया है। उन्हाेंने कहा कि अब उनकी प्राथमिकता गांवों का विकास कराना है। वह उनको वोट देने वाली जनता के भरोसे पर खरा उतरेंगी और गांवों के विकास के लिए जीतोड़ मेहनत करेंगी। उन्होंने कहा कि पति ने भी फैसला किया है कि वह नौकरी करते रहेंगे। क्योंकि घर तो उन्हीं के वेतन से चलता है। सोनिया ने कहा कि वह ब्लॉक प्रमुख केवल पांच साल के लिए हैं, लेकिन पति की नौकरी तो पूरे 60 साल तक चलेगी। यहां बता दें कि बेलडा जुनारदार की रहने वाली सोनिया की शादी 2014 में नल्हेडा गांव निवासी सुनील कुमार के साथ हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। उनके अलावा परिवार में सास और देवर हैं।