सहारनपुर

’26 जनवरी से पहले देश का माहौल खराब करने की साजिश रच रहा ये इस्लामिक शिक्षण संस्थान’

दारुल उलूम देवबंद द्वारा 26 जनवरी को लेकर नोटिस जारी करने के बाद भाजपा नेताआें ने खोला मोर्चा

सहारनपुरJan 21, 2019 / 04:04 pm

lokesh verma

’26 जनवरी से पहले देश का माहौल खराब करने की साजिश रच रहा ये इस्लामिक शिक्षण संस्थान’

देवबंद. 26 जनवरी पर ज्यादा चेकिंग होने पर दारुल उलूम देवबंद ने एक अपील करते हुऐ एक नोटिस जारी किया है, जिसमें छात्रों से अपील की गर्इ है कि वे बिना वजह ट्रेन मे सफर न करें। क्योकि चेंकिंग होने से बेगुनाह छात्र पकड़े जाते हैं आैर उनमें डर व भय का माहौल बन जाता है। इसलिए सफर के दौरान किसी से बहसबाजी न करें। मोहब्बत के साथ सफर करते हुए दारुल उलूम देवबंद वापस लौट आएं। इस मामले में भाजपा की आेर से तीखी प्रतिक्रिया आर्इ है। भाजपा के स्थानीय नेताआें ने इसे देश का माहौल खराब करने की साजिश बताया है।
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दारुल उलूम के नोटिस पर भाजपा नगर अध्यक्ष गजराज राणा ने कहा है कि मैं कई बार कह चुका हूं कि दारुल उलूम देश का माहौल खराब करना चाहता है। दारुल उलूम आतंकवादियों को संरक्षण देता है। दारुल उलूम के अंदर आतंकवादियों की शिक्षा दी जाती है। दारुल उलूम जो है 26 जनवरी को जब पूरा देश हर्ष और उल्लास के साथ मनाने जा रहा है तो उस वक्त दारुल उलूम अराजकता का माहौल पैदा करने के लिए इस प्रकार का अनाप-शनाप फरमान जारी कर रहा है। इसलिए दारुल उलूम की जांच होनी चाहिए। दारुल उलूम आतंकवादियों को संरक्षण दे रहा है आैर पूरे देश को बदनाम कर रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए ही दारुल उलूम इस प्रकार की बयानबाजी कर रहा है। यही वजह है कि 26 जनवरी से पहले इस तरह का फतवा जारी किया गया है।
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वहीं इस मामले पर भाजपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद अनवर ने कहा कि यह तो एक अजीब तरीके का नोटिस है। ऐसा कहीं भी कोई माहौल नहीं है। जब से मोदी की सरकार आई है तब से देश में सौहार्द का माहौल है। पता नहीं दारुल उलूम ने किस वजह से इस तरह का नोटिस जारी किया है। हमें नहीं लगता कि कुछ है सब लोग आराम से सफर कर रहे हैं। हर किसी को पूरी आजादी है, पता नहीं दारुल उलूम को क्या ऐसी बात नजर आई है। मुसलमानों के ऊपर कोई जुर्म होने वाली बात उनको पहले से किसने बता दी। दारुल उलूम को इन सब चीजों से बचना चाहिए। दारुल उलूम एक धार्मिक स्थल है, जहां दीनी तालीम दी जाती है। उसका इस चीज से कोर्इ ताल्लुक नहीं होना चाहिए। दारूल उलूम के अंदर बैठकर ऐसी बातें होंगी तो इससे देश का माहौल भी खराब होगा।
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