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मोलाना ने कहा कि मैं मुल्क वासियों तक ये पैगाम पहुंचाना चाहता हूं कि एक अप्रैल को हमारे दारुल उलूम अशरफिया देवबंद में 45 बच्चों की तकसार बन्दी के अवसर पर मुल्क में हिंदू—मुस्लिम इत्तेहाद को आम करने के लिए एक कॉन्फ्रेंस की जा रही है। इसका मकसद हमारे नबी मैसेंजर ऑफ इस्लाम की तालीम में सब एक ही आदम की औलाद हैं। आप अपने धर्म को मान सकते हो, लेकिन इंसानी सताकत एक—दूसरे से जुडा होने और एक—दूसरे को मैली आंख से देखना ये नबी को गवारा नहीं है। इस वक्त जो फिरकापरस्ती का शिकार हैं। इसके लिए इंसानियत के काम करने की जरूरत है। इसलिए जमीयत इस सिलसिले में काम कर रही है। यह भी पढ़ें