आप साेच रहे हाेंगें कि आखिर इसकी क्या आवश्यकता है ताे जान लीजिए कि दाेनाें में अंतर करना बेहद जरूरी है। अगर दाेनाें तरह के कूड़े काे एक साथ मिक्स कर दिया जाए ताे इस मिक्स कूड़े का निस्तारण ठीक से नहीं हाे पाता। अगर आप पर्यावरण की चिंता करते हैं ताे आज से ही अपने घर और ऑफिस से निकलने वाले कूड़े में अंतर करें और इसे अलग-अलग इकट्ठा करना शुरु करें ताकि कूड़े का सही से निस्तारण हाे सके।
ये वस्तुएं आती हैं सूखे कूड़े में (DRY WASTE) नीला रंग प्लास्टिक कवर बाेतलें, चिप्स टॉफी के रेपर आदि। दूध दही के पैकेट और पॉलिथीन पैकेट, गत्ते के बॉक्स, कागज के बर्तन आदि शराब, दूध, लस्सी या किसी तरल के पदार्थ के टैट्रापैक्स,पेपर कप और प्लेट आदि। धातु के कैन जिनका प्रयाेग बीयर काेल्डड्रिंक आदि के लिए हाेता है। रबर थर्माकॉल, प्रसाधन सामग्रियां और बाल आदि इस तरह का कूड़ा हर घर से निकलता है इस कूड़े काे सूखा कड़ा जाता है। इस तरह के कूड़े के लिए नीले रंग का कूड़ेदान हाेता है।
इसे कहा जाता है गीला कूड़ा (WET WASTE) हरा रंग रसाेई का कचरा जैसे बची हुई सब्जी, फल आदि। बना हुआ खाना बचा हुआ भाेजन आदि। अंडे के छिलके, चिकन अवशेष हड्डियां, सडे फल सब्जियां, गंदा टिशू पेपर, चाय कॉफी के बैग, पत्ते के प्लेट्स, पूजा सामग्री फूल राख आदि सभी गीले कूड़े में आते हैं। इस तरह के कूड़े के लिए हरे का रंग कूड़ेदान हाेता है।
बने स्मार्ट (Be smart) आज से आप भी गीले और सूखे कूड़े में अंतर करें और दाेनाें तरह के कूड़े काे अलग-अलग इकट्ठा करना शुरु करे। ऐसा करने से आपकी जिम्मेदार और स्मार्ट लाेगाें में गिनती हाेगी साथ ही आप पर्यावरण सुधार में भी मदद कर करेंगे।