सागर

जहां गौ माता की पूजा होती है, वहां पृथ्वी हरी भरी रहती है

गोपाष्टमी पर हुए आयोजन, गोशाला में हुआ श्रीरामनाम संकीर्तन, किया पूजन

सागरNov 10, 2024 / 12:58 pm

sachendra tiwari

गौ माता की पूजन करते हुए

बीना. कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर शनिवार को धूमधाम से गोपाष्टमी मनाई गई। लोगों ने गोमाता की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर श्री कटरा स्वामी मंदिर के पास स्थित गोशाला में श्रीरामनाम महाराज ने गोशाला में गौ माता का पूजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीरामनाम संकीर्तन से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जहां गोमाता की पूजा होती है, वहां पृथ्वी हरी भरी रहती है। जहां गौ माता की सेवा नहीं होती, वहां धर्म नहीं है, इसलिए आपदाएं आती हैं। गौ माता की उपेक्षा नहीं पूजन, देखभाल करना चाहिए। हर व्यक्ति सेवा करे, यही सबसे बड़ा धर्म है, सभी तीर्थ वही हैं। इस अवसर पर गोसेवक नवीन भिलवारे, कौशल, अंकित तिवारी, शुभम भिलवारे आदि उपस्थित थे। समिति के सदस्यों ने गायों का श्रंगार किया।
राधे-राधे प्रभातफेरी मंडल ने किया पूजन
राधे-राधे प्रभातफेरी मंडल ने गोपाष्टमी पर सुबह 5 बजे मां जागेश्वरी धाम से प्रभातफेरी प्रारंभ हुई, जो थाने के पीछे से होती हुई मारुति मंदिर, सर्वोदय चौक से होती हुई स्टेशन रोड, गांधी चौराहा पहुंची। चौराहा पर गोसेवा समिति के सदस्य राजेंद्र सिंह, रुपेश यादव गौ माता को लेकर आए और प्रभातफेरी मंडल के भक्तों ने आरती कर गुड़, रोटी खिलाकर पूजन किया। ऐसी मान्यता है कि यह शुभ दिन विष्णुजी और गौ पूजन के लिए समर्पित माना जाता है।

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