पहले धीमी गति से चल रहे थे पंजीयन, कुछ दिनों में ही चार हजार पर पहुंच गई संख्या, मसूर के भी इस वर्ष ज्यादा पंजीयन
बीना. कृषि उपज मंडी में गेहूं की आवक बढ़ गई है और इसके साथ ही दामों में गिरावट आना भी शुरू हो गई है, जिससे किसानों को घाटा हो रहा है। पहले मंडी में दाम अच्छे मिलने के कारण समर्थन मूल्य पर पंजीयन कम हो रहे थे, लेकिन अब संख्या बढऩे लगी है।
सोमवार को मंडी में गेहूं की जोरदार आवक हुई, लेकिन दाम कम मिलने से किसान निराश नजर आए। कुछ दिनों पहले जहां गेहूं के दाम तीन हजार रुपए क्विंटल तक मिल रहे थे, जो घटकर अधिकतम 2650 रुपए क्विंटल पर आ गए हैं। अच्छी गुणवत्ता न होने पर 2200 रुपए क्विंटल तक गेहूं बिका। सोमवार को सबसे ज्यादा गेहूं की आवक मंडी में हुई है, जिसमें नया गेहूं भी शामिल है। लगातार घट रहे दामों के कारण अब किसान समर्थन मूल्य पर पंजीयन कराने लगे हैं और अभी तक करीब चार हजार किसान पंजीयन करा चुके हैं। जबकि शुरुआत में बहुत कम मात्रा में पंजीयन हुए थे।
चना, मसूर के दामों में भी आई गिरावट
मंडी में चना मसूर के दामों में भी गिरावट आई है। पहले चना समर्थन मूल्य से ऊपर बिक रहा था, जो अब घटकर 5300 रुपए क्विंटल पर आ गया है। मसूर के दाम भी गिरे हैं। चने के दाम अच्छे होने के कारण किसानों ने कम पंजीयन कराए हैं, जो अब बढ़ सकते हैं।
हजार हेक्टेयर है गेहूं का रकबा
क्षेत्र में सबसे ज्यादा गेहूं की बोवनी हुई है, जिसका रकबा 23 हजार हेक्टेयर है और फसल अच्छी होने से उत्पादन भी अच्छा है। किसानों का कहना है यदि गेहूं के दाम मंडी में कम मिलेंगे, तो वह समर्थन मूल्य पर ही बेचेंगे, जिससे घाटा न हो।
फैक्ट फाइल
फसल पंजीयन
गेहूं 3976
चना 1563
मसूर 4144
सरसों 83