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ये कैसा नियम: फसल खराब हुई, तो किसानों को रुपए खर्च करानी पड़ेगी जांच

कृषि विभाग के पास नहीं बजट, कृषि विज्ञान केन्द्र में नहीं व्यवस्था

सागरJan 12, 2025 / 12:10 pm

sachendra tiwari

रिफाइनरी के पास जौ की फसल हुई प्रभावित

बीना. कीटनाशक या अन्य किसी कारण से यदि फसल खराब होती है, तो कृषि विभाग के अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक जांच करने मौके पर पहुंचते हैं, लेकिन फसल की जांच कराने के लिए किसान से ही कहा जाता है। जबकि इसकी जांच कराने में करीब बारह हजार रुपए का खर्च आता है।
पिछले दिनों रिफाइनरी के आसपास अचानक फसल खराब हुई है और किसानों का आरोप है कि रिफाइनरी से निकली किसी गैस के कारण यह स्थिति बनी है। इसके बाद कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिक जांच कर चुके हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने फसल की जांच कराने के लिए कहा है और तभी यह स्पष्ट होगा कि किस कारण से फसल खराब हुई है। किसानों ने जब कृषि विभाग के अधिकारियों से फसल की जांच कराने के लिए कहा, तो उनका कहना था कि इसके लिए कोई बजट नहीं है और स्वयं जांच करानी पड़ेगी। इसी तक कृषि विज्ञान केन्द्र में भी जांच की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि उनकी फसलों को ही नुकसान हुआ है और उन्हें ही रुपए खर्च कर जांच करानी पड़ेगी। जबकि यह व्यवस्था नि:शुल्क होनी चाहिए।

खुरई क्षेत्र का भी है एक मामला
खुरई ब्लॉक के ग्राम मढ़िया हिन्दु पथ में किसान लोकेन्द्र सिंह की 35 एकड़ की चना फसल प्रभावित हुई है। किसान का आरोप है कि बीज उपचार की दवा का उपयोग करने से इस स्थिति में फसल पहुंची है, इसका निरीक्षण कृषि विभाग के अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक कर चुके हैं। निरीक्षण के बाद किसान से ही फसल की जांच कराने के लिए कहा गया है।
जबलपुर, भोपाल में होती है जांच
जानकारी के अनुसार फसल की जांच जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय और केन्द्रीय मृदा परीक्षण लैब भोपाल में होती है। इसके लिए किसान को दस से बारह हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
नहीं है कोई बजट
कृषि विभाग के एसएडीओ एसपी भारद्वाज ने बताया कि कृषि विभाग में फसल की जांच कराने की कोई सुविधा नहीं है, न ही इसके लिए बजट है। किसान को स्वयं ही फसल की जांच करानी पड़ेगी।
अभी नहीं आई है रिपोर्ट
रिफाइनरी के आसपास की फसलों की जांच रिपोर्ट कृषि विभाग ने अभी नहीं दी है। यदि फसल की जांच कराने की बात सामने आएगी, तो कृषि विभाग या फिर रिफाइनरी प्रबंधन से जांच कराएंगे।
देवेन्द्र प्रताप सिंह, एसडीएम, बीना

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