खुरई क्षेत्र का भी है एक मामला
खुरई ब्लॉक के ग्राम मढ़िया हिन्दु पथ में किसान लोकेन्द्र सिंह की 35 एकड़ की चना फसल प्रभावित हुई है। किसान का आरोप है कि बीज उपचार की दवा का उपयोग करने से इस स्थिति में फसल पहुंची है, इसका निरीक्षण कृषि विभाग के अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक कर चुके हैं। निरीक्षण के बाद किसान से ही फसल की जांच कराने के लिए कहा गया है।
जबलपुर, भोपाल में होती है जांच
जानकारी के अनुसार फसल की जांच जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय और केन्द्रीय मृदा परीक्षण लैब भोपाल में होती है। इसके लिए किसान को दस से बारह हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
जानकारी के अनुसार फसल की जांच जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय और केन्द्रीय मृदा परीक्षण लैब भोपाल में होती है। इसके लिए किसान को दस से बारह हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
नहीं है कोई बजट
कृषि विभाग के एसएडीओ एसपी भारद्वाज ने बताया कि कृषि विभाग में फसल की जांच कराने की कोई सुविधा नहीं है, न ही इसके लिए बजट है। किसान को स्वयं ही फसल की जांच करानी पड़ेगी।
कृषि विभाग के एसएडीओ एसपी भारद्वाज ने बताया कि कृषि विभाग में फसल की जांच कराने की कोई सुविधा नहीं है, न ही इसके लिए बजट है। किसान को स्वयं ही फसल की जांच करानी पड़ेगी।
अभी नहीं आई है रिपोर्ट
रिफाइनरी के आसपास की फसलों की जांच रिपोर्ट कृषि विभाग ने अभी नहीं दी है। यदि फसल की जांच कराने की बात सामने आएगी, तो कृषि विभाग या फिर रिफाइनरी प्रबंधन से जांच कराएंगे।
देवेन्द्र प्रताप सिंह, एसडीएम, बीना
रिफाइनरी के आसपास की फसलों की जांच रिपोर्ट कृषि विभाग ने अभी नहीं दी है। यदि फसल की जांच कराने की बात सामने आएगी, तो कृषि विभाग या फिर रिफाइनरी प्रबंधन से जांच कराएंगे।
देवेन्द्र प्रताप सिंह, एसडीएम, बीना