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ये कैसा स्वच्छता पखवाड़ा, जगह-जगह फैली गंदगी

बड़ा जंक्शन होने के बाद भी पिछले कुछ वर्षों से साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गंदगी के प्लेटफॉर्म पर खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है।

सागरSep 25, 2023 / 12:32 pm

sachendra tiwari

What kind of cleanliness fortnight is this, filth spread everywhere

बीना. जिस स्टेशन के लिए सफाई के लिए एक लाख रुपए का इनाम दिया गया था, उस स्टेशन पर गंदगी पटी पड़ी है। दरअसल रेलवे 16 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा चला रही है, जिसमें जगह-जगह जाकर लोगों को साफ-सफाई के लिए जागरूक किया जा रहा है, लेकिन इसका असर स्टेशन पर नहीं दिखाई दे रहा है।
एक ओर रेलवे यात्रियों को सुविधाएं देने का दावा करती है, आरक्षण व जनरल टिकट के नाम पर यात्रियों की जेब हल्की करने में लगी है। यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं के लिए बजट कम करने से अब दिक्कत हो रही है। ट्रेन के जंक्शन आते ही सभी छह प्लेटफॉर्म की पटरियों पर गंदगी और बदबू से यात्री परेशान हो रहे हैं। ट्रेन के कोच में पानी भरने वाले वॉटरिंग स्टाफ को भी दिक्कत हो रही है। इस अव्यवस्था को देखने के बाद भी रेलवे के स्थानीय अधिकारी कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। वर्ष 2016 में जीएम ने बीना जंक्शन पर सफाई व्यवस्था को लेकर एक लाख रुपए का इनाम दिया था। साथ ही सफाई को लेकर पुरस्कार भी मिले थे।
दरअसल स्टेशन का सफाई ठेका रेलवे ने निजी हाथों में दिया है। यह कार्य रवि सिक्यूरिटी नामक कंपनी के पास है। रेल प्रशासन ने सफाई ठेका की राशि भी पिछले सालों की तुलना में कम कर दी है। कंपनी को एक अगस्त 2022 से हर माह तीन लाख रुपए प्रतिमाह सफाई कार्य के लिए दिए जा रहे हैं, जो पहले 11 लाख रुपए प्रतिमाह थे।
जिस कंपनी ने ठेका लिया है, उसने कर्मचारियों की संख्या कम कर दी है। कोरोना काल से पहले, जहां 50 सफाईकर्मी थे, वहीं अब रेलवे के ठेके की राशि घटाने की वजह से कंपनी ने 25 कर्मचारी रखे हैं। इसके साथ ही सफाई उपकरण भी है। कर्मचारी कम होने से प्लेटफॉर्म की ढंग से सफाई नहीं हो रही है।
स्टेशन की छवि हो रही धूमिल
रेलवे स्टेशन पर ढंग से साफ-सफाई नहीं होने के कारण बाहर से स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की बीच सफाई के मामले में छवि खराब हो रही है। इस छवि को बचाने के लिए स्थानीय प्रबंधन पूरा प्रयास तो कर रहा है, लेकिन अधिकारियों की मानें, तो जिस ढंग से स्टेशन पर रेल प्रशासन सफाई पर रुपए खर्च कर रहा है, उस आधार पर सफाई कार्य नहीं हो रहा है।

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6 प्लेटफॉर्म, 175 ट्रेन
जंक्शन पर छह प्लेटफॉर्म है, जिसमें 24 घंटे में लगभग 175 ट्रेन की आवाजाही होती है। सफाई का ठेका लेने वाली कंपनी को पटरियों के साथ ही पूरे प्लेटफॉर्म की सफाई करनी होती है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या कम करने से काम करने वाले कर्मचारियों पर दबाव ज्यादा रहता है। जंक्शन पर ट्रेन अधिक हैं इस कारण गंदगी होना सामान्य बात है, पर कंपनी को और ज्यादा काम सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए करनी पड़ेगी।
गंदगी फैलाने वालों पर नहीं होती कार्रवाई
स्टेशन पर गंदगी फैलाने वालों पर टीटीइ स्टाफ कार्रवाई नहीं करता है, जिसके कारण लोग यहां वहां थूंकते हैं। हर दिन एक सफाई कर्मचारी की ड्यूटी के केवल गुटखा के दागों को साफ करने में लगाई जाती है, तो आइओडब्ल्यू स्टाफ द्वारा प्लेटफॉर्म को कवर नहीं करने पर मवेशी अंदर आ जाते हैं, जो गंदगी फैलाते हैं, इसके लिए भी सफाई कार्य कराने एक कर्मचारी लगाना पड़ता है।
सफाई नहीं होने पर लग रही पेनाल्टी
सफाई व्यवस्था की निगरानी स्थानीय अधिकारी नियमित रूप से कर रहे हैं। फिर भी गंदगी पाए जाने पर कंपनी पर पेनाल्टी भी लगाई जा रही है। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान जब गंदगी मिलती है, तो कंपनी पर पैनाल्टी भी लगाई जाती है।

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