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सागर

नपा क्षेत्र में कुओं को नहीं किया किया जा रहा संरक्षित, रेलवे ने शुरू किए प्रयास

देखरेख के अभाव में कुएं बन रहे कचरा घर

सागरMar 05, 2020 / 09:11 pm

sachendra tiwari

Wells in napa area are not being protected

Wells in napa area are not being protected

बीना. वर्षों पुराने कुएं जो आज देखरेख के अभाव में अस्तित्व खो चुके हैं या फिर उन्हें कचरा घर बना दिया गया है और जिम्मेदार इन्हें संरक्षित करने की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जबकि यह कुआं जलस्तर बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। यदि इन कुओं की सफाई कर दी जाए तो पानी की समस्या से निजात मिल सकती है, क्योंकि पहले इन कुओं का उपयोग किया जाता था और इनमें भरपूर पानी भी था।
खिरिया वार्ड, आचवल वार्ड, पुलिस थाना परिसर, मंडी परिसर, सुपर मार्केट सहित अन्य जगहों पर करीब दो दर्जन कुआं थे, इनमें से कुछ कुओं का तो अस्तित्व भी खत्म हो गया और कुछ जालियों से ढंक दिए गए हैं जो कुआं सूख गए हैं उनमें लोग कचरा डालने लगे हैं। वर्तमान में भी ऐसे कुआं हैं, जिनमें पानी है। इसके बाद भी इनकी सफाई न होने के कारण पानी उपयोग में नहीं आ पाता है। यदि इन कुओं का संरक्षण फिर से किया जाए तो यह आज भी लोगों की प्यास बुझा सकते हैं। रेलवे द्वारा पानी की टंकी के पास बने वर्षों पुराने कुएं में वॉटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम बनाया गया है। इस कुएं से जल संरक्षित किया जाएगा। इसका वॉटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम का पिछले दिनों रेलवे जीएम ने उद्घाटन किया है। यदि इसी तरह नगरपालिका क्षेत्र में भी इन कुओं का संरक्षित किया तो यह कुएं पानी की समस्या को कम करने में सहायक होंगे।
ट्यूबवेलों पर ज्यादा जोर
नपा और ग्रामीण क्षेत्रों में कुओं के संरक्षण की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है और लोग सिर्फ ट्यूबवेल खनन पर जोर देते हैं। जबकि कुआं कम लागत में भी तैयार किया जा सकता है। ट्यूबवेलों के कारण जलस्तर भी नीचे जा रहा है।
मिट्टी से भर रहे कुओं को
नपा द्वारा कुओं के संरक्षण के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। संरक्षण की बजाय सूखे कुओं बंद कर दिया जाता है। इन कुओं की सफाई कर गहराई बढ़ाई जाए तो शहरवासियों को लाभ मिलेगा। नगरपालिका की ओर से टïï्यूबवेल खनन हर साल कराए जाते हैं, जिनमें दूसरे साल की गर्मी आते ही पानी खत्म हो जाता है।

भारतीय संस्कृति प्राचीन धरोहर हैं कुएं
भारतीय संस्कृति के प्राचीन धरोहर कुएं ही हैं, कुआं जल संरक्षित करने का एक सबसे सरल और उपयुक्त माध्यम है। आधुनिकता के कारण कुओं का संरक्षण नहीं हो पा रहा है। इस ओर शासन प्रशासन के साथ-साथ आम जनता को भी जागरूक होना होगा तभी हम कुओं बचा सकेंगे।
उमेश शर्मा, समाजसेवी
जलस्तर बढ़ाने कुओं का संरक्षण जरूरी
जलस्तर बढ़ाने के लिए कुओं को संरक्षित करना अति आवश्यक है। ट्यूबवेल से पानी का दुरुपयोग ज्यादा होता है, कुएं की अपेक्षा। इसलिए सभी लोगों को कुएं संरक्षित कर पुराने कुओं को भी जीवित कर उनको उपयोगी बना कर चालू करना चाहिए
आनंद जाडिया, समाजसेवी

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