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सुबह ही नगर निगम आयुक्त ने किया था निरीक्षण
आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस पहुंची, जहां नवजात शिशुओं को जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि, फॉल्ट का कारण पता नहीं चल सका है, लेकिन खास बात ये है कि, रविवार की दोपहर 12 बजे नगर निगम आयुक्त निरीक्षण करने बीएमसी पहुंचे थे, जहां भोपाल में हुई तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के मामले में उनके द्वारा निरीक्षण किया गया था।
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नवजात शिशुओं की जान बचाने जुटे नर्सिंग स्टाफ
इधर, जानकारी लगते ही बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के नर्सिंग स्टाफ नवजात शिशुओं को शिफ्ट करने के लिए जुट गए और तत्काल में नर्सिंग स्टाफ ने नवजात शिशुओं को जिला अस्पताल में शिफ्ट कराने का प्रयास किया। हालांकि, शिफ्ट करने से पहले ये जानकारी ली गई कि, वहां पर कितने नवजात शिशु भर्ती हैं, तो पाया गया कि, वहां 13 बच्चे भर्ती हैं। जानकारी के मुताबिक, एनआईसीयू में कुछ बच्चे ऐसे थे, जिन्हें एसएनसीयू की जरूरत ही नहीं थी। उन्हें एनआईसीयू में भर्ती किया गया है।समाचार लिखे जाने तक अप्रिय घटना की कोई जानकारी नहीं है।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार
बीएमसी के प्रभारी डीन डॉ आरएस वर्मा ने बताया कि, एनआईसीयू में फॉल्ट होने के कारण एक वॉर्मर अचानक बंद हुआ था, उसकी वजह से 9 और बंद हो गए थे। जैसे ही इसकी जानकारी मिली तो नवजात शिशुओं को जिला अस्पताल शिफ्ट कराया गया है। फिलहाल, सभी नवजात सुरक्षित है। साथ ही, फॉल्ट के कारणों की जांच की जाएगी।
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