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बच्चों को कब-कौन सा टीका लगवाना है, यहां जानिए

शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को लगने वाले टीका के नाम, बच्चों को लगाए जाने वाले इंजेक्शन की यह है सूची, समय भी देखें शिशु के जन्म से लेकर 16 साल तक की उम्र तक बच्चे के लिए हर टीका है बहुत जरूरी

सागरSep 26, 2019 / 04:59 pm

Samved Jain

सागर/ बच्चे के जन्म के साथ समय-समय पर उसका टीकाकरण जरूरी हैं, लेकिन समय की आपाधापी में हम टीकाकरण के टाइम टेबल को भूल जाते है, जो हमारे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। क्या आप जानते है कि बच्चों को कब लगवाना है, कौन सा टीका। जवाब, नहीं है तो पत्रिका की इस खबर के बाद आप अपडेट हो जाएंगे। यहां आप पढ़ेंगे कि बच्चे को कब-कौन सा टीका लगवाना है और यह क्यों जरूरी है।

जन्म से लेकर 16 साल तक की उम्र तक बच्चे के लिए हर टीका बहुत जरूरी
जन्म से लेकर 16 साल तक की उम्र तक बच्चे के लिए हर टीका बहुत जरूरी है, क्योंकि कई गंभीर बीमारियों से उन्हें बचाते हैं। एक बच्चे पर पूरे टीकाकरण के दौरान करीब 15 हजार रुपए तक खर्च आता है, जबकि सरकारी में ये बिल्कुल मुफ्त लगाए जाते हैं। टीकाकरण क्यों जरूरी है, इसकी जानकारी जुटाने पर यही सामने आया कि अपने बच्चे को प्यार, दुलार के साथ संपूर्ण टीकाकरण का उपहार देना भी जरूरी है। टीकाकरण अभियान का यह मशहूर स्लोगन भी आप याद कर लीजिए। सात बार आना है, आठ वैक्सीन पाना है, नौ बीमारियां बचाना है।। जो भी आपकी याद को ताजा रखेगा।

दो महत्वपूर्ण टीकों की ये है खास बात
पेंटावैलेंट टीका तीन बार लगाया जाता है, जिससे बच्चे को पांच बीमारियों डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस-बी और हिब से बचाव होता है। इस टीके का एक डोज 1200 जबकि तीन डोज 3600 रुपए के होते हैं। यह टीका बच्चे को लगवाना बहुत जरूरी है। सरकार द्वारा समय-समय पर इसका प्रचार-प्रसार भी कराया जाता है, जिससे कि आप तक जानकारी पहुंच सके।

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इस तरह है आयु टीकाकरण सूची
जन्म पर बीसीजी, ओपीवी-0, हेपेटाइटिस-बी
6 हफ्ते (सवा महीने): ओपीवी-1, रोटा-1, एफआईपीवी-1, पेंटावेलेंट-1
10 हफ्ते (सवा दो महीने) : ओपीवी-2, रोटा-2, पेंटावेलेंट-2
14 हफ्ते (सवा तीन महीने): ओपीवी-3, रोटा-3, एफआईपीवी-2, पेंटावेलेंट-3
9 महीने : एमसीवी-1, विटामिन-ए
16-24 महीने : डीपीटी-बी, ओपीवी-बी, एमसीवी-2, विटामिन-ए
5-6 साल : डीपीटी-बी 2
10 साल : टीटी
16 साल : टीटी-1 व टीटी-2

इन बीमारियों से बचाते हैं ये टीके
टीबी, पोलियो, रोटावायरस दस्त, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, खसरा, हिब-निमोनिया और मेनिनजाइटिस।

ऐसे करें टीके लगने के बाद की देखभाल
पोलियो की खुराक के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान कराया जा सकता है।
टीके लगे स्थान पर यदि सूजन हो तो उस पर ठंडे पानी की पट्टी रख सकते हैं।
बीसीजी के टीके लगे स्थान पर कोई फफोला हो तो घबराएं नहीं।
टीका लगाने के बाद किसी भी प्रकार की एलर्जी हो या बुखार आए तो डॉक्टर के परामर्श से दवाइयां लें।

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