एड. रामअवतार यादव ने बताया कि नया रजिस्ट्रेशन लेने की प्रक्रिया काभी जटिल हो गई है। जीएसटी नबंर लेने के लिए अब बायोमेट्रिक तरीके से आधार वेरिफिकेशन किया जाने लगा है। बायोमेट्रिक के लिए अब व्यापारी कार्यालय तक जाना होता है। जो इज- ऑफ-डूइंग बिजनेस के संकल्प से विपरीत है। यह व्यवस्था भी हाल में ही 29 नवंबर से शुरू हुई है। यादव ने बताया कि जीएसटी नंबर को लेकर जिले में करीब 9 हजार ही व्यापारी काम कर रहे हैं। जीएसटी में आ रहे नए-नए बदलावों की वजह से व्यापारी भी रजिस्ट्रेशन कराने से डरता है। व्यापारी 20 लाख से कम व्यापार बताकर जीएसटी नंबर नहीं लेता है। शासन का इस ओर ध्यान नहीं है।
एड. पवन पाठक और मोहम्द जावेद ने बताया कि सीजीएसटी विभाग के द्वारा जो भी कर निर्धारण आदेश पारित किए गए हैं, उनकी कमिश्नर अपील भोपाल के पास पेंडिंग है। जिसकी पेशी करने में व्यापारियों एवं वकीलो को परेशानी आती है। यदि कमिश्नर अपील का माह में 1 से 3 दिन सागर कैंप कर सुनवाई की जाती है, इससे व्यापारियों और वकीलों को राहत मिलेगी।
एड. रवि हसरेजा ने बताया कि जीएसटी की वार्षिक रिटर्न 9 एवं 9 सी की अंतिम तिथि 31 दिसंबर होती है, जबकि पिछले वर्ष की गलती के सुधार कार्य करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक होती है, जो व्यवहारिक नहीं है। जब 31 दिसंबर तक रिर्टन फाइल होती है, तभी गलती की जानकारी मालूम होती है, जब तक सुधार की तारीख पहले ही निकल जाती है। सुधार कार्य की भी अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक करनी चाहिए। व्यापारी सुरेंद्र मालथौन ने बताया कि बार-बार बदलाव में व्यापारियों की तरफ से कोई सुझाव नहीं मांगा जाता है। व्यापारियों को कोई जानकारी नहीं होती है और बदलाव कर दिए जाते हैं।